मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर ने जल संसाधन विभाग की उपयोग समिति की 46वीं बैठक में अफसरों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी है। मालूम हो कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने सिंचाई से पहले उद्योगों को पानी दिए जाने का खुलकर विरोध किया था। इसके लिए सडक़ से सदन तक की लड़ाई लड़ी गई थी।
बैठक में मुख्य सचिव ने औद्योगिक प्रयोजन के लिए भू-जल का उपयोग न हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी अफसरों को दिए हैं। यदि ऐसा पाया जाता है, तो संबंधित संस्थान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। मुख्य सचिव ने भू-जल स्रोतों के उपयोग के संबंध में स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।
राज्य की नदियों से जल का आवंटन औद्योगिक प्रयोजनों के लिए विभिन्न संस्थाओं को तभी किया जाए जब संस्थानों द्वारा संबंधित क्षेत्र व स्थान में प्लांट अथवा उद्योग काम करना शुरू कर दें। संस्थानों द्वारा आवंटित निर्धारित संपूर्ण जल की मात्रा का उपयोग किया जाएगा और चिन्हित स्थल से ही जल का दोहन हो।
आइआइटी के लिए शिवनाथ से पानी
बैठक में दुर्ग जिले के भिलाई कुटेलाभाटा स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) को निस्तार के लिए शिवनाथ नदी के भटगांव एनीकट से जल प्रदाय की स्वीकृति दी गई। बैठक में प्रस्तुत छह अन्य प्रस्तावों का स्थल परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं।