इसकी जानकारी होने पर सुपरवाइजर नेतराम साहू मौके पर पहुंचा। उसने लेबर संतोष उइके हुई को पाइप से कचरा निकालने के लिए कहा और टंकी का ढक्कन खोल दिया। संतोष टंकी में उतरा तो तेज दुर्गंध से वह अर्धबेहोशी की स्थिति में आ गया और वह नीचे गिर गया। नेतराम ने उसे निकालने की कोशिश की और मदद के लिए पुरुषोत्तम साहू को बुलाया। फिर उसे निकालने लगे। लेकिन पुरुषोत्तम साहू भी टंकी में गिर गया।
नेतराम ने दोनों का हाथ पकड़ लिया और मदद के लिए मजदूरों को बुलाया। कुछ देर में वह भी टंकी में गिर गया। मजदूरों ने साड़ी फेंक कर उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन तीनों नहीं निकल सके। इससे उनका दम घुटने लगा। कुछ देर बाद राजू राव व अन्य मजदूरों ने मिलकर तीनों को बाहर निकाला। तब तक तीनों की स्थिति काफी खराब हो चुकी थी। तीनों को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां करीब 1 घंटे बाद उनकी मौत हो गई। पुलिस को शाम करीब 5 बजे अस्पताल से सूचना दी गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
फैक्ट्री में मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी की गई। गुड़ाखू की तेज दुर्गंध से बचने, गैस से बचाव और हाथ-पैर की सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं थे। इस संबंध में फैक्ट्री संचालक सुनील शर्मा ने बताया कि घटना कैसे हुई इस संबंध में जानकारी नहीं है।