scriptड्रग्स पैडलरों के 20 मोबाइलों में से केवल 2 मोबाइलों में मिले वाट्सएेप चैट, नेटवर्क को बचाने किया ऐसा | WhatsApp chat found in only 2 of the 20 mobiles of drug peddlers | Patrika News

ड्रग्स पैडलरों के 20 मोबाइलों में से केवल 2 मोबाइलों में मिले वाट्सएेप चैट, नेटवर्क को बचाने किया ऐसा

locationरायपुरPublished: Oct 19, 2020 12:11:26 am

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CG Desk

– शातिरों ने जानबूझकर ऑटो बैकअप का ऑप्शन नहीं किया था ऑन। – तकनीकी जांच में पुलिस की उलझन बढ़ी, फरार आरोपियों का नहीं मिल रहा सुराग।

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रायपुर। राजधानी में ड्रग्स सप्लाई करने वाले काफी शातिर निकले। पकड़े गए ड्रग्स पैडलरों ने अपने नेटवर्क को बचाने के लिए अपने मोबाइल का वाट्सएेप डाटा का ऑटो बैकअप नहीं रखा है। आरोपियों को पहले से पता था कि अगर कभी वे पुलिस के गिरफ्त में आएंगे, तो पुलिस इसी बैकअप डाटा के जरिए पूरे नेटवर्क तक पहुंचेगी।
पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि पुलिस ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े बड़े लोगों तक न पहुंच सके। पुलिस ने कोकिन तस्करी के मामले में १४ ड्रग्स पैडलर्स से २० मोबाइल जब्त किया है। सूत्रों के मुताबिक इन २० मोबाइलों में से केवल दो मोबाइल में वाट्सएेप चैटिंग का ऑटो बेकअप मिला है। बाकी मोबाइल धारकों ने चैटिंग का बैकअप ही नहीं रखा है। और उन्हीं चैटिंग में ड्रग्स पार्टी करने वाले, पैडलर और कंज्यूमरों के साथ हजारों बार बातचीत हुई है। हालांकि पुलिस के पास मिले दो मोबाइल से मिले डाटा में ड्रग्स बेचने और उपयोग करने वाले कई लोगों के नाम हैं। उन्हीं चैट के आधार पर पुलिस आरोपियों की लगातार गिरफ्तारी कर रही है। लेकिन इसमें कई रसूखदार ऐसे हैं, जिन्होंने गिरफ्तारी से बचने पुलिस पर हर तरह से दबाव बना रखा है।
चैट के आधार पर चल रही है तलाश
पुलिस के मुताबिक दो मोबाइल में हुई चैटिंग और संदिग्ध नंबरों के आधार पर ४ आरोपियों की तलाश चल रही है। सभी लोकल पैडलर्स के संपर्क में रहे हैं। साथ ही गोवा और मुंबई के अलावा नागपुर का कनेक्शन भी पुलिस तलाश रही है। उल्लेखनीय है कि ३० सितंबर को बैरनबाजार में श्रेयांश झाबक और विकास बंछोर को कोकिन बेचते हुए कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों के मोबाइलों की जांच के बाद पूरे ड्रग्स पैडलर्स गिरोह का खुलासा हुआ।
मजबूत साक्ष्य पर उठा रही पुलिस
ड्रग्स पैडलर्स और ड्रग्स यूजरों में सभी हाईप्रोफाइल परिवारों से संबंध रखते हैं। राजनीति, कारोबार से जुड़े लोग इसमें शामिल होने के कारण पुलिस मजबूत साक्ष्य मिलने पर ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है। यही वजह है ड्रग्स कारोबार से जुड़े एक भी आरोपी की सेशन कोर्ट से जमानत नहीं हो रही है। हालांकि आरोपी पक्ष दावा कर रहे हैं कि हाईकोर्ट से आसानी से जमानत मिल जाएगी।
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