राÓय के गरियाबंद जिले के स्थित सीतानदी-उदंती, बिलासपुर के अचानकमार और बीजापुर स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व कवर्धा स्थित भोरमदेव अभयारण्य और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में गणना की गई थी। जनवरी 2018 से लेकर नवंबर 2018 तक चार चरणों में अभियान चलाया गया था। इस दौरान बाघ के पंजों के निशान, उसके मल, शरीर की धारियां, कैमरे में मिले फुटेज, रहवास स्थल के आसपास मिले वन्य प्राणियों के अवशेष और एम स्ट्रीप एप के जरिए उनकी पहचान की गई थी।
राज्य के टाइगर रिजर्व सीतानदी- उदंती और इंद्रावती टाइगर रिजर्व की सीमा ओडिसा, अचानकमार की सीमा मध्यप्रदेश, गुरु घासीदास अभयारण्य की सीमा उत्तरप्रदेश और भोरमदेव अभ्यारण महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से जुड़ी हुई है। इसे देखते हुए बाघों के दूसरे राज्यों में जाने की आशंका भी वन विभाग के अधिकारी जता रहे है।
टाइगर रिजर्व 2014- 2018
अचानकमार 28 – 11
गुरूघासीदास 02 – 01
इंद्रावती 07 – 02
सीतानदी 05 – 03
भोरमदेव 04 – 02
कुल संख्या 46 – 19 अतुल शुक्ला, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का कहना, डाटा का परीक्षण कर रहे बाघों के गणना की रिपोर्ट आने के बाद विभागीय स्तर पर इसका एनालिसिस किया जा रहा है। साथ ही बाघों के गायब होने की कारणों की पतासाजी की जा रही है। इसके लिए पिछले दिनों पन्ना टीम को भेजा गया था। उसके लौटने के बाद जानकारी ली जा रही है।