उन्होंने बताया कि वन विभाग के अफसरों को पीएम रिपोर्ट जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए गए है। दुर्लभ प्रजाति के सफेद शेर विजय की मौत के बाद उन्होंने वन विभाग के अफसरों से जवाब मांगा था। लेकिन, संतोषजनक जबाव नहीं देने पर वह वस्तुस्थिति की जानकारी लेने कानन पेंडारी गए थे। इस दौरान प्रबंधन और पीएम करने वाले डॉक्टरों के अलग-अलग बयान को देखते हुए पीएम रिपोर्ट को जांच कराई जाऐगी। त्रात हो कि पिछले दिनों अनुसूची एक के तहत आने वाले विजय नामक शेर की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी।
शरीर पर नहीं मिला निशान
वनमंत्री मो. अकबर ने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने उन्हें शेर के मौत की वजह स्नेक बाइट बताया था। लेकिन, शेर के शरीर में सांप के डसने के कोई निशान नहीं मिले है। उनका कहना था कि शेर के शरीर में बाल अधिक होने की वजह से निशान दिखाई नहीं दिया। पोस्टमार्टम में उसका दिल काला हो गया था। वहीं मुंह और जीभ का रंग नीला हो गया था। इसे देखते हुए सांप के काटे जाने की आशंका पोस्टमार्टम रिपोर्ट जताई है।
यह है मामला
वन विभाग प्रबंधन ने बताया कि शेर की मौत के एक दिन पहले केयर टेकर ने उसे इनक्लोजर में खाना दिया था। इसके बाद रात करीब 9 बजे बाड़ा बंद कर चाबी जू-प्रबंधन को सौंपकर चला गया। दूरसे दिन सुबह 9 बजे वन्यजीवों को बाड़े से निकालने का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान विजय के शरीर में किसी तरह से हलचल नहीं हुई।
जांच के दौरान पता चला कि शेर मृत की मौत हो गई है। घटना के 15 घंटे बाद भी जू प्रबंधन को शेर की मौत की जानकारी नहीं थी। जबकि सांप के काटने के बाद दर्द के कारण शेर ने दहाड़ लगाई होगी। वहीं मौत के समय तड़पने के दौरान छटपटाया होगा। लेकिन, वहां इस तरह के कोई निशान तक नहीं मिलने संदेह को जन्म देता है।