नियमित हो दिनचर्या
यूथ देर रात तक जाग रहा है और सुबह लेट उठ रहा है। कई बार तो नींद भी पूरी नहीं हो रही है। ऐसे में उसकी दिनभर का रुटीन प्रभावित हो रहा है। बॉडी को सही और नैचुरल टाइम पर नींद की जरूरत होती है।
हफ्ते में पांच दिन आधा घंटा चलें
एक सर्वे के मुताबिक हफ्ते में पांच दिन महज 30 मिनट ही पैदल चला जाए तो आप तंदरुस्त रह सकते हैं। यदि एक साथ आधा घंटा चलना संभव न हो तो हर दस मिनट में ब्रेक लिया जा सकता है।
योगा और मेडिटेशन
हेल्दी लाइफ के लिए योगा और मेडिशन संजीवनी का काम करते हैं। हालांकि योग कोई आज की थैरिपी नहीं है लेकिन इसे बढ़ावा देने के लिए विश्व योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। शहर में कई संस्थाएं हैं जो योग और मेडिशन पर नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रही हैं।
हफ्ते में 4-5 दिन करें वर्कआउट
वीक में 4 से 5 दिन वर्कआउट करना वाजिब माना जाता है, क्योंकि इससे आपकी मसल्स पर पर्याप्त दबाव पडऩे के साथ भरपूर आराम भी मिल पाता है। वर्कआउट कम से कम 45 मिनट का होना चाहिए।
तंबाकू है यूथ में हार्ट प्रॉब्लम का रीजन
स्मित श्रीवास्तव, हार्ट स्पेशलिस्ट, अंबेडकर हॉस्पिटल&युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसमें ज्यादातर तंबाकू का उपयोग करते हैं। इससे हॉर्ट की प्राब्लम बढ गई है। इसके अलावा शुगर की बीमारी भी उनमें हार्ट डिसीस बढ़ा रही है। एक्सरसाइज कम हो गई और पैदल चलना तो नहीं के बराबर हो गया है। इन्हीं सब कारणों से यूथ दिल की बीमारियों से घिर रहा है। तीन तरह के हार्ट अटैक हो रहे हैं। पहला 25 प्रतिशत जिसमें एक घंटे के भीतर मरीज की मौत हो जाती है। दूसरा 25 प्रतिशत जिसमें एक महीने के अंदर मरीज चल बसता है और शेष वे हैं जिनका इलाज समय पर हो जाता है या चल रहा होता है। यूथ को चाहिए कि वह रोजाना एक घंटे साइकिलिंग करे और तंबाकू को अवाइड करे।
मोबाइल के ज्यादा यूज से बचें टीनेजर्स
डॉ. मनीष श्रीवास्तव, आई एक्सपर्टहम जिस शहर में रह रहे हैं वह वायु प्रदूषण के मामले में टॉप पर है। पॉलुशन के चलते आंखों में जलन की समस्या रहती है। आंखें जलने लगे तो हम रगड़ते हैं जबकि एेसा करने से आंखों के बारीक सेल्स डेमेज होते हैं। टीनेजर्स वीडियो गेम, कार्टुन चैनल और मोबाइल में ज्यादा वक्त स्पेंड कर रहे हैं। इसलिए कम उम्र में उन्हें चश्मा लग जाता है। इसके अलावा सबसे बड़ी बात ये है कि यूथ पानी कम पी रहा है। ज्यादा पानी पीने से आंखों में नमी रहेगी जिससे आंखें दुरुस्त रहेंगी। यूथ को चाहिए कि वे बाइक पर कहीं जा रहे हों तो गॉगल जरूर पहने। खाने में हरी सब्जियों का उपयोग ज्यादा हो। पपीता, गाजर और आम भी आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद है।
पीसीओएस की गिरफ्त में यंग
डॉ. प्रशांत नायक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, एम्स रायपुरछग की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की समस्या बढ़ रही है। इसमें ३०-३५ की उम्र में वुमंस में यह डिसेस हो जाती है। इसका पता एक विशेष जांच में दो साल पहले ही लगाया जा सकता है। कम उम्र शादी, हाइजीन यूज नहीं करना और मल्टीपल सेक्सुअल रिलेशन इसकी वजह है। एक और बीमारी है जो युवतियों और यंग महिलाओं में देखी जा रही है पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)। इसमें हार्मोन की गड़बड़ी के चलते मासिक धर्म लेट से होता है। मेल हार्मोन ज्यादा होते हैं। जो आगे चलकर डायबिटिज, हार्ट और कैंसर का सबब बनते हैं। पीसीओएस की वजह अव्यवस्थित लाइफ स्टाइल, बाहर का खाना, मिठाई, पॉलुशन, बच्चों का कम खेलना, एक्टिव न रहना है।
कोल्डड्रिंकचॉकलेट से यूथ में पथरी की समस्या
डॉ. सुरेश सिंह, यूरोलॉजिस्ट, अंबेडर हॉस्पिटलयूथ में पथरी की समस्या इन दिनों तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह कम पानी पीना है। साथ ही कोल्डड्रिंक, चॉकलेट, प्रोटीन के अलावा कैल्श्यिमयुक्त चीजों से पथरी की बीमारी होती है। अगर किसी के पूर्वजों में यह बीमारी रही हो तो प्रॉपर चेकअप कराना चाहिए। दिन में चार से पांच लीटर पानी पीना चाहिए। यूरिन बिल्कुल भी न रोकें।
यूथ में कैंसर की वजह नशा
डॉ. प्रशांत कसेर कैंसर विभाग, अंबेडर हॉस्प्टिलकैंसर होने के लिए कोई उम्र तो तय नहीं है। अगर बात बच्चों की करें तो ज्यादातर मामले अनुवांशिक होते हैं। यूथ में कैंसर
की मुख्य वजह है नशा। चाहे वे टोबक्को हो, बीड़ी-सिगरेट या अल्कोहल। पुरुषों में ओरल कैंसर ज्यादा पाया जाता है जबकि महिलाओं में गर्भाशय और स्तन का। पेट स्मेयर जांच एक एेसी तकनीक है जिससे आप सालों पहले पता लगा सकते हैं कि कैंसर होगा या नहीं। अब कैंसर का इलाज संभव है, बशर्ते अर्ली स्टेज में पता चल जाए तो।