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पोल्ट्री फार्म में लगातार मर रही थी मुर्गियां, जब संचालक ने रखी नजर तो निकला कुछ ऐसा की मचा हड़कंप

locationरायपुरPublished: Mar 05, 2019 09:40:47 am

Submitted by:

Deepak Sahu

शदाणी दरबार इलाके में पोल्ट्री फार्म में पिछले 15 दिनों से मुर्गियों को शिकार बनाने वाले तेंदुए को वन विभाग की टीम ने सोमवार की सुबह पकड़ा

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पोल्ट्री फार्म में लगातार मर रही थी मुर्गियां, जब संचालक ने रखा नजर तो निकला कुछ ऐसा की मचा हड़कंप

रायपुर. राजधानी के शदाणी दरबार इलाके में पोल्ट्री फार्म में पिछले 15 दिनों से मुर्गियों को शिकार बनाने वाले तेंदुए को वन विभाग की टीम ने सोमवार की सुबह पकड़ा। तेंदुआ को नंदनवन मिनी जू में निगरानी में रखा गया है। जहां वन विभाग के डॉक्टर उसका इलाज कर रहे है। वन कर्मियों का अनुमान है कि पांडुका या धमतरी के जंगलों से निकलकर लगभग 50 किलोमीटर का सफर तय कर तेंदुआ रायपुर तक पहुंच गया होगा। इससे पहले फाफाडीह टिम्बर मार्केट में 2008 में जंगल से भटककर आए एक तेंदुए को पकड़ा गया था।
नंदनवन मिनी जू प्रभारी सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि 15 दिन पहले शद्दाणी दरबार इलाके में पोल्ट्री फार्म का संचालन करने वाले मेजर दीपक मेहता ने सूचना दी थी, कि उनके पोल्ट्री फार्म हाउस में तेंदुए ने हमला करके दर्जनों मुर्गियों को मार डाला है।
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मेजर की सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने विशेषज्ञों के साथ मिलकर पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण किया और पंजों के आधार पर केज लगाकर 7 दिन तक निगरानी की। सोमवार की सुबह 4 बजे मुर्गियों की लालच में तेंदुआ पोल्ट्री फार्म परिसर में दाखिल हुआ और वन विभाग के केज में फंस गया। अलसुबह ही वनकर्मियों ने उसे नंदनवन शिफ्ट कर दिया।

एक वर्ष पहले भी मचाया था आतंक
वन विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार रायपुर के माना इलाके में 1 वर्ष पहले भी तेंदुआ ने कई पोल्ट्री फार्म में उत्पात मचाया था। शिकायत मिलने पर उसे ट्रैप करने की कोशिश की गई, लेकिन तेंदुआ को पकडऩे में सफलता नहीं मिली। 15 दिन पहले जब भी फिर तेंदुआ द्वारा शिकार करने की सूचना मिली तो वनकर्मियों ने अलर्ट होकर पोल्ट्री फार्म के अलावा माना इलाके से जुड़े जंगलों में कई जगह केज लगाया था। तेंदुआ को पकडऩे के बाद वनकर्मियों ने राहत की सांस ली है।

2008 में टिम्बर मार्केट में घुस गया था तेंदुआ : वर्ष 2008 में भी तेंदुआ फाफाडीह इलाके के टिम्बर मार्केट में दाखिल हो गया था। जिस वनकर्मियों ने भारी मशक्कत के बाद काबू किया। उस दौरान वन कर्मियों ने अनुमान लगाया था कि मार्केट के बगल से गुजरने वाले वॉल्टेयर रेल लाइन के जरिए किसी मालगाड़ी में सवार होकर तेंदुआ यहां दाखिल हुआ। चूंकि टिम्बर मार्केट के पास आउटर में मालगाडिय़ां काफी देर तक रूकती हैं। लिहाजा तेंदुआ उतरकर आबादी क्षेत्र में दाखिल हो गया।

5 साल का है तेंदुआ
वनकर्मियों के अनुसार केज में फंसने की वजह से तेंदुए ने वनकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की, जिस वजह से थोड़ा चोटिल हो गया है। केज में फंसा तेंदुआ लगभग 5 से 6 वर्ष का है, जो गरियाबंद या धमतरी इलाके से भोजन की तलाश करते हुए रायपुर पहुंच गया होगा।

एयर स्ट्रिप पर मिली थी लकड़बग्घे की लाश
कुछ वर्ष पहले माना एयरपोर्ट के एयरस्ट्रिप पर एक युवा लकड़बग्घे की लाश मिली थी। जहां लाश मिली वहां से विमान उतरते और उड़ान भरते हैं। उस दौरान विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया कि माना-तूता के जंगल में लकड़बग्घों की मौजूदगी हो सकती है। लेकिन दोबारा और कोई लकड़बग्घा उस इलाके में नहीं दिखा।

रायपुर जंगल सफारी के डिप्टी डायरेक्टर एम.़मर्सीबेला ने बताया कि माना इलाके के पोल्ट्री फार्म संचालक ने तेंदुआ के पद चिन्ह उसके फार्म हाउस में दिखने की सूचना दी थी। संचालक की सूचना पर निगरानी की और फिर उसे ट्रैप कर पकड़ा। तेंदुआ को अभी निगरानी में रखा गया है।

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