राज्य योग आयोग ने इस केंद्र के लिए फुंडहर में बने सर्वसुविधा युक्त वुमंस हॉस्टल को चुना है। यहां 124 कमरे हैं, जहां प्रशिक्षण के लिए प्रदेशभर से आने वाले लोग रह सकेंगे। आधा एकड़ का मैदान है, जिसमें एक साथ 100 से ज्यादा लोगों की ट्रेङ्क्षनग दी जा सकेगी। निगम की एमआईसी ने यह भवन योग आयोग को हैंडओवर करने का निर्णय लिया है। अब यह प्रस्ताव निगम की आमसभा में जाएगा। यहां भी इसके पारित होने में कोई अड़चन नजर नहीं आ रही है। ऐसे में उम्मीद है कि अगले 2 माह में छत्तीसगढ़ को अपना पहला आवासीय योग केंद्र मिल सकता है। योग आयोग भी इसी हिसाब से तैयारियों में जुट गया है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के योग प्रशिक्षण केंद्रों का अध्ययन किया जा रहा है। फिर उसी हिसाब से यहां भी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
अफसर-कर्मियों के लिए प्रशिक्षण जरूरी आवासीय योग केंद्र में लोगों को योग की सभी मुद्राएं बारीकी से समझाई और सिखाई जाएंगी। योग आयोग चाहता है कि यहां 7 दिन प्रशिक्षण लेने वाला व्यक्ति खुद भी प्रशिक्षक बन जाए, ताकि वापस जाने के बाद वह अपने परिवार-समाज के लोगों को भी ट्रेनिंग दे सके। योजना के मुताबिक हर हफ्ते प्रदेशभर से अलग-अलग विभाग के अफसर-कर्मियों को ट्रेङ्क्षनग के लिए बुलाया जाएगा। सोसाइटी और संस्थाओं के लोगों को भी प्रशिक्षण से जुडऩे के लिए पत्र लिखा जाएगा।
योग को आजीवका से जोडऩे के लिए भी खड़ा कर रहे सिस्टम योग के प्रति लोगों, खासतौर पर युवाओं का रूझान बढ़े इसलिए अब इसे आजीविका से जोडऩे की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। आयोग के सचिव एमएल पांडेय ने बताया कि जिस प्रकार सरकार ने गोबर को आय का जरिया बना दिया, ठीक उसी तरह हम योग को रोजगार का माध्यम बनाना चाह रहे हैं। ऐसा सिस्टम बनाने की योजना है कि योग प्रशिक्षक बनकर युवा पैसे कमा सकें।
छत्तीसगढ़ राज्य योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञाानेश शर्मा ने बताया कि फुंडहर में छत्तीसगढ़ का पहला आवासीय योग केंद्र बनने जा रहा है। यह जल्द से जल्द शुरू हो जाए, इसके लिए शासन स्तर पर पुरजोर प्रयास कर रहे हैं।