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बिना पीपीई किट, सिर्फ मास्क लगाकर कर रहे थे कोरोना संदिग्ध का इलाज

locationरायपुरPublished: May 26, 2020 12:54:40 am

इलाज के दौरान संक्रमित हुई आंबेडकर अस्पताल की स्टाफ नर्स, राजधानी रायपुर में अब तक मिल चुके हैं नौ मरीज

बिना पीपीई किट, सिर्फ मास्क लगाकर कर रहे थे कोरोना संदिग्ध का इलाज

देवेंद्रनगर में संक्रमित महिला के घर बाहर जानकारी लेती पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम।

रायपुर. प्रदेश की राजधानी रायपुर में कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। अब तक कुल 9 मरीज मिल चुके है। सोमवार को नौवीं मरीज मिली, जो आंबेडकर अस्पताल की नर्स है। नर्स सड्डू के कोरोना संदिग्ध मरीज का इलाज करते-करते संक्रमित हुई, 21 मई को यह संदिग्ध मरीज भी संक्रमित मिला। हालांकि सड्डू निवासी मरीज की पत्नी और छह महीने की बेटी की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है, जो राहत की खबर है। मगर, आंबेडकर अस्पताल में कोरोना की दस्तक चिंता का विषय है। क्योंकि यह राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां रोजाना 1400 मरीजों की ओपीडी में जांच होती है। 1000 से अधिक स्टॉफ मौजूद रहता है। हालांकि इस पूरे मामले में आईसोलेशन वार्ड के डॉक्टर-नर्स की लापरवाही मानी जा रही है जो पीपीई किट पहने बगैर संदिग्ध का उपचार कर रहे थे। गौरतलब है कि 19 मई को सड्डू का मरीज अपनी पत्नी का इलाज करवाने स्त्रीरोग विभाग गया था, तो वहीं 20 मई को सांस लेने में परेशानी की शिकायत लेकर दोबारा आंबेडकर अस्पताल पहुंचा था। जहां ओपीडी में डॉक्टर ने सैंपल लिए गए और आईसोलेशन वार्ड में भर्ती करवा दिया गया था। इसी दौरान वायरस, नर्स तक पहुंचा। अब नर्स के संपर्क में आई लोगों की ट्रेसिंग की जा रही है।
नर्स के पति मंत्रालय में, कांटेक्ट ट्रेसिंग जारी

आइसोलेशन वार्ड के तीन डॉक्टर, तीन नर्स समेत नौ लोगों को क्वारंटाइन किया गया है और उनके सैंपल लिए गए हैं। यह जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने सावर्जनिक नहीं की थी। ‘पत्रिकाÓ पड़ताल में इसका खुलासा हुआ था। आज उन्हीं में से एक नर्स संक्रमित पाई गई है। बता दें कि यह नर्स अपने घर में क्वारंटाइन थी। नर्स के पति मंत्रालय में पदस्थ हैं। स्वास्थ्य अमला अब कांटेक्ट ट्रेसिंग में जुट गया है।
फ्रंट लाइन वॉरियर हो रहे शिकार

कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले या फिर ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारी जिन्हें हम फ्रंट लाइन वॉरियर करते हैं, वे कोरोना के शिकार बन रहे हैं। सिम्स मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के बाद अब आंबेडकर अस्पताल की नर्स का संक्रमित होना इस की ओर इशारा कर रहा है कि ये खतरे में हैं। पत्रिका लगातार यह मु²ा उठाता आ रहा है कि इनकी सुरक्षा जरूरी है। क्योंकि अगर ये बीमार पडऩे लगे तो कोरोना मरीजों को ठीक कौन करेगा?
हर किसी की स्क्रीनिंग

स्वास्थ्य विभाग को राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति, फिर चाहे वह अधिकारी हो या फिर वीवीआई बगैर स्क्रीनिंग के एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलना चाहिए। प्रोटोकॉल सबके लिए है। ‘पत्रिकाÓ को मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले राजधानी एक्सप्रेस से एक आला अधिकारी पहुंचे थे, जिन्होंने स्क्रीनिंग नहीं करवाई थी। जानकारी रायपुर सीएमएचओ कार्यालय से विभाग के शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचाई गई थी।

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