राजधानी रायपुर (Raipur) में दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां कमरे से आवाज आने पर बच्चों ने जब दरवाजा खोला तो मां (Woman burn alive) को इस हाल में देख पैरों तले जमीन खिसक गई।
कमरे से आ रही थी आवाज, बच्चों ने दरवाजा खोला तो मां को देखा इस हाल में
रायपुर. राजधानी रायपुर (Raipur) में दीये से भड़की आग की चपेट में आने से एक महिला (Woman burn alive) की मौत हो गई। महिला को आग की लपटों में देख बच्चे घबरा गए और दौड़ते हुए पड़ोसियों और राहगीरों से मदद मांगी। चौक में मुस्तैद पुलिसकर्मियों ने आग बुझाकर महिला को बचाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। घटना के समय मृतिका अपने घर में अकेली थी और उसका पति रामनगर स्थित गुलमोहर पार्क में काम करने के लिए गया हुआ था। घटना गंज थाना के तेलघानी नाका इलाके की है।
गंज पुलिस के अनुसार मुकेश स्टील प्लांट में चौकीदार का काम करने वाली 32 साल की सुनीती बाई साहू की झोपड़ीनुमा घर में आग लगने की सूचना मिली थी। सुनीती अपने पति तीरथ राम साहू और 11 साल की बेटी गुडिय़ा के साथ रहती थी। दोपहर 11 बजे सुनीती ने बेटी गुडिय़ा और भांजे भोला को नहाने के लिए कहा और खुद पूजा वाले कमरे में चली गई।
गुडिय़ा और भोला नहाने के बदले टीवी देखने बैठ गए। तभी पूजा कमरे से सुनीती की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आने लगी। भोला और गुडिय़ा ने कमरा खोला तो देखा मां आग की लपटों (mother burn alive) से घिरी हुई थी। दोनों बच्चे यह नजारा देख घबरा गए और मदद के लिए सड़क की तरफ दौड़े और पड़ोसियों व राहगीरों से मदद मांगी। राहगीर घटनास्थल पर पहुंचकर जब तक मदद करते तब तक सुनीती ने दम तोड़ दिया।
पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी नहीं आई काम आगजनी की सूचना मिलते ही थाना से चौक में खड़ी पेट्रोलिंग टीम को घटनास्थल पहुंचने का निर्देश दिया गया। घटनास्थल में पहुंचकर पुलिसकर्मी ब्रिज के सहारे बाल्टियों से पानी भुजाने की कोशिश की, लेकिन राशन सामान में आग लगने की वजह से वो आग पर काबू नहीं कर पाए। घटनास्थल पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाने के बाद शव को बाहर निकाला।
तीरथराम को भांजे ने दी सूचना आगजनी की घटना के दौरान सुनीती का पति अपने काम के सिलसिले में रामनगर स्थित गुलमोहर पार्क गया हुआ था। भांजे भोला ने उसे फोनकर घटना के बारे में बताया तो बदहवास घटनास्थल पहुंचा। घटना के बाद जब सुनीती का शव (dead body) बाहर निकाला गया, तो पूरा परिवार सड़क पर ही रोने लगा। पुलिसकर्मियों ने शव का मेकाहारा में पोस्टमार्टम करवाया और फिर परिजनों को सौंप दिया। मृतिका और तीरथ के 4 बच्चे हैं। एक बेटी साथ में रहती थी और 3 बच्चे दुर्ग में रहने वाले परिजनों के पास रहते थे।
इस मामले में गंज थाना के जांच अधिकारी मनीष बाजपेयी ने बताया, आग लगने की सूचना राहगीरों के माध्यम से मिली थी। घटनास्थल पर जाकर जांच की तो भगवान के दीये से आग लगने के निशान प्रथम दृष्टया मिले है। परिजनों ने किसी भी तरह का आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाया है। शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सौंप दिया गया है।