प्रसव के दौरान सहयात्री भी जागते रहे
मधु के प्रसव के दौरान अधिकांश यात्री जगते रहे तथा सूर्यवंशी परिवार की मदद की। जैसे ही यात्रियों को पुत्र जन्म की जानकारी मिली सभी लोग उत्साह में नाचने-गाने लगे। इस दौरान कुछ लोगों ने मजाक में नवजात पुत्र का नाम ट्रेन के नाम पर गोंडवाना सूर्यवंशी तथा घर का नाम बोगी के नाम पर एस.11 भी रखने की सलाह दे डाली।
ठेकेदार की वजह से परिवार परेशान
मधु के पति छत्रपाल सूर्यवंशी ने बताया कि उनका परिवार तथा ग्राम के अन्य कुछ लोग जीवन यापन करने गाजियाबाद गए थे। जहां वे सभी गाजियाबाद स्थित इंद्रापुरम बिल्डिंग में कार्य करते हैं। मधु के आठवां माह लगने के साथ ही वे ठेकेदार से पूरा वेतन दिए जाने की फरियाद कर रहे थे, ताकि समय पर मधु को प्रसव के लिए गांव ले आते। परंतु ठेकेदार द्वारा पूरे परिवार को माह भर परेशान किया गया तथा पैसा देने में टालमटोल किया जाता रहा। ठेकेदार ने शनिवार को सूर्यवंशी परिवार को पूरा पैसा दिया था। जिसके बाद वे तत्काल सोमवार की गाड़ी से गांव लौट रहे थे। छत्रपाल ने बताया कि ठेकेदार की वजह से उनकी पत्नी तथा परिवार को परेशानी झेलनी पड़ी। यदि ठेकेदार बीते माह ही उनका वेतन आदि पूरे पैसे दे देता तो वे सभी सितंबर माह में ही गांव लौट सकते थे।