जानें ये शर्त
रेल मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसी सूचना मिलती है कि किसी स्टेशन पर या ट्रेन में अकेले सफर कर रही महिला यात्री के साथ छेडख़ानी व अन्य घटना घट रही है वही अकेले सफर कर रही महिला यात्री को किसी भी स्टेशन पर उतारने से अनहोनी की आशंका भी बनी रहती है।
इसलिए लागू किया गया
इसीलिए तीन दशक पुराने कानून को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है। रेलवे की ओर से वर्ष 2018-19 महिला सशक्तिकरण वर्ष घोषित किया गया है इसमें महिला यात्रियों के लिए सुरक्षा संरक्षा व सुविधा को बेहतर बनाया जाना है।
यदि महिला बिना टिकट के पकड़ा जाए तो..
इससे अकेली महिला यात्री की सुरक्षा पुख्ता करने समेत कई उपाय भी किए जाने है। अकेले सफर कर रही महिला यात्री को टिकट नहीं होने पर भी किसी भी स्टेशन पर नहीं उतारा जा सकता है। यदि महिला बिना टिकट यात्रा करते मिली तो टीटीई को उसे उतारने की बजाए जिला मुख्यालय के स्टेशन पर कंट्रोल रूम को सूचित करना होगा। और वहां से उसे दूसरी ट्रेन से टिकट के साथ बैठने की जिम्मेदारी जीआरपी के महिला पुलिस की होगी।
तत्काल टिकट की बुकिंग में विशेष सतर्कता बरतें
इधर दक्षिण पूर्व रेलवे की विजिलेंस टीम ने रेलवे बोर्ड को अनुशंसा की है कि दूसरी जगह से यात्रा करने वाले यात्रियों से टिकट लेने के दौरान यह प्रमाण लिया जाए कि वे 24 घंटे के अंदर संबंधित स्टेशन पर कैसे पहुंचेंगे। और समय पर ट्रेन पकड़ लेंगे संदेहास्पद यात्रियों को टिकट ना दें।