ग्रामीणों का कहना है कि इस जिले से काम करने गए दूसरे जिला से वापसी होने पर गांव-गांव में मजदूरों को क्वारंटाइन सेन्टर में रखा जाता हैं, लेकिन हमारे गांव में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नही है और न ही प्रवासी मजदूर की देख-रेख की जा रही है। यह प्रवासी मजदूर गरीब परिवार से है जिसके आगे-पीछे कोई नही है। एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन है घर पर मात्र तीन परिवार हैं जो मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने इस गरीब परिवार के प्रवासी मजदूर को घर पर रख दिया गया है और उस परिवार में तीन ही सदस्य है जो धमतरी जिला में काम करने गए थे, उन्हें भी सीधे उसी के घर पर रखे हुए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस मजदूर को भी 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन सेन्टर में रखना चाहिए और उसके स्वस्थ की जांच कर 14 दिनों तक उनके खाने-पीने, नहाने आदि की व्यवस्था मुहैया कराई जाए। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा भी इनके प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते इन मजदूरों को भगवान भरोसे घर में ही कैद कर दिया गया है।