रायपुर

क्वारंटाइन कर मजदूर को उसके हाल पर छोड़ा, नहीं मिल रही कोई सुविधा

छुरा विकासखंड के ग्राम पीपरछेड़ी में एक गरीब परिवार के मजदूर जोकि कुछ महीनों से धमतरी जिला में जाकर रोजी रोटी कामाने के लिए गया था और कोरोना महामारी के कारण 27 मई को घर वापस हुआ तो वहां उपस्थित स्टाफ नर्स ने देखा और उसे घर पर रहने को मजबूर कर दिया है।

रायपुरJun 03, 2020 / 04:07 pm

Karunakant Chaubey

गरियाबंद. एक ओर जहां शासन द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए खाने-पीने रहने जैसे अन्य सुविधाओं की व्यवस्था गांव में क्वारंटाइन सेन्टर में रख कर चौदह दिनों तक लाकडाउन का पालन करने का नियम बनाया गया है। प्रवासी मजदूर को रहने से लेकर खाने-पीने, नहाने धोने जैसे अन्य सुविधा दी जा रही है। तो वहीं दूसरी और छुरा विकासखंड के ग्राम पीपरछेड़ी में एक गरीब परिवार के मजदूर जोकि कुछ महीनों से धमतरी जिला में जाकर रोजी रोटी कामाने के लिए गया था और कोरोना महामारी के कारण 27 मई को घर वापस हुआ तो वहां उपस्थित स्टाफ नर्स ने देखा और उसे घर पर रहने को मजबूर कर दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि इस जिले से काम करने गए दूसरे जिला से वापसी होने पर गांव-गांव में मजदूरों को क्वारंटाइन सेन्टर में रखा जाता हैं, लेकिन हमारे गांव में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नही है और न ही प्रवासी मजदूर की देख-रेख की जा रही है। यह प्रवासी मजदूर गरीब परिवार से है जिसके आगे-पीछे कोई नही है। एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन है घर पर मात्र तीन परिवार हैं जो मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने इस गरीब परिवार के प्रवासी मजदूर को घर पर रख दिया गया है और उस परिवार में तीन ही सदस्य है जो धमतरी जिला में काम करने गए थे, उन्हें भी सीधे उसी के घर पर रखे हुए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि इस मजदूर को भी 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन सेन्टर में रखना चाहिए और उसके स्वस्थ की जांच कर 14 दिनों तक उनके खाने-पीने, नहाने आदि की व्यवस्था मुहैया कराई जाए। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा भी इनके प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते इन मजदूरों को भगवान भरोसे घर में ही कैद कर दिया गया है।

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