नालंदा परिसर की लाइब्रेरियन मंजुला जैन ने बताया कि एक तरह से यह पब्लिक लाइब्रेरी है, लेकिन इसमें कॅरियर को फोकस करते हुए किताबे अधिक हैं। स्टूडेंट्स और कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए किताबे रखी गई हैं। करीब 112 कम्प्यूर यहां रखे गए हैं। जिसमें डे शिफ्ट में करीब 600 लोग रोजाना आते हैं वहीं रात में 150 लोगों की संख्या रहती है।
साहित्य को कम स्थान
नालंदा परिसर प्रबंधन समिति में बनाई गई लाइब्रेरी में सबसे अलग बात यह है कि यहां पर साहित्यिक किताबों को आखिरी में स्थान दिया गया है। मंजुला का कहना है कि इस लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स के कॅरियर पर फोकस करते हुए वे किताबें रखी गई हैं जो उन्हें आसानी से नहीं मिल पाती या फिर मंहगी होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे एफर्ट नहीं कर पाते। अगर कोई लिट्रेसी का शौकीन है तो लाइब्रेरी में करीब दो हजार से अधिक किताबें, ग्रंथ एवं नॉबेल आदि यहां पर मौजूद हैं।
डिमांड पर मिलती हैं बुक्स
लाइब्रेरी में कॅरिसर रिलेटेड बुक्स के अलावा डिमांड रजिस्टर बनाया गया है जिसमें यूथ की रिक्वायरमेंट के आधार पर किताबों को मगाया जाता है। जिसमें वे बुक्स शामिल होती हैं जो लाइब्रेरी में किसी कारणवश नहीं मिल पाती। यहां पर ओपन स्पेश भी बनाया गया है जो थर्ड फ्लोर पर हैं। यहां पर 100 एमबीपीएस की स्पीड का इंटरनेट कनेक्शन भी उपलब्ध है।
राजधानी में ये लाइब्रेरी भी
-सेंट्रल लाइब्रेरी-आनंद समाज वाचनालय
-वृंदावन हॉल लाइब्रेरी
-बाल वाचनालय
-स्वामी विवेकानंद आश्रम लाइब्रेरी
-जिला ग्रंथालय
-शहीद स्मारक लाइब्रेरी