दुनिया में हर साल 20 नवंंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। 1959 से पहले अक्टूबर में बाल दिवस मनाया जाता था। जिनेवा के इंटरनेशनल यूनियन फॉर चाइल्ड वैल्फेयर की सहायता से अक्तूबर 1953 में पहली बार बाल दिवस मनाया गया था।
इनका था बाल दिवस मनाने का विचार
विश्व में बाल दिवस मनाने का विचार वीके कृष्णा मेनन का था, जिसे संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा 1954 में अपनाया गया। 1959 में जिस दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बच्चों के अधिकारों के घोषणापत्र को मान्यता दी थी, उसी दिन के उपलक्ष्य में 20 नवंंबर की तारीख को बाल दिवस मानाने की तारिख चुनी गई। 1989 में इसी तारीख को बच्चों के अधिकारों के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसे 191 देशों ने संंयुक्त रूप से पारित किया और तब से ही विश्व में बाल दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
बच्चों का समग्र विकास
पंडित जवाहरलाल नेहरू मानते थे कि जिस देश के बच्चे स्वस्थ, शिक्षित और चरित्रवान होंगे और जिस देश में उनका शोषण नहीं किया जाएगा, वही देश उन्नति करेगा। वे सभी बच्चों का समग्र विकास और उनको शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहते थे।
बच्चे राष्ट्र के भावी निर्माता
पंडित नेहरू का मानना था की बच्चे किसी भी राष्ट्र के भावी निर्माता होते हैं, इस वजह से सही मार्गदर्शन कीआवश्यकता होती है। बाल दिवस मनाने का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। इसके साथ ही उन्हें सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले, यह सुनिश्चित करना होता है।