आज विश्व एचआईवी दिवस है। जिसकी थीम है ‘वैश्विक एकजुटा, साझा जिम्मेदारी’। छत्तीसगढ़ में एचआईवी संक्रमितों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत राज्य एड्स नियंत्रण समिति कार्य कर रही है। जिसके साथ कई संगठन जुड़े हुए है। इस बीमारी के प्रचार-प्रसार, लोगों को जांच के लिए प्रेरित करने, दवाइयां उपलब्ध करवाने और मोटिवेट करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था। वर्तमान में आंबेडकर अस्पताल रायपुर, जिला अस्पताल दुर्ग, सिम्स बिलासपुर, महारानी अस्पताल जगदलपुर और जिला अस्पताल सरगुजा में 5 एआरटी सेंटर संचालित हैं। वहीं जिला अस्पतालों में 31 सुरक्षा क्लीनिक खोले गए हैं। जहां निःशुल्क परामर्श की सुविधा है। गर्भवती माताओं की जांच के लिए 4 पीपीटीसीटी सेंटर भी हैं।
147 आईसीटीसी सेंटर में इनकी जांच की व्यवस्था है। राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. एसके बिझंवार का कहना है कि पहले लोगों में झिझक थी, मगर अब लोग स्वयं से जांच करवाने, खुलकर बात करते हैं और दवा लेने पहुंचते हैं। गौरतलब है कि सरकार एचआईवी संक्रमितों को कई सरकारी योजनाओं का लाभ दे रही है।
एचआईवी संक्रमित होने के 3 प्रमुख कारण – असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित इंजेक्शन के किसी भी रूप में इस्तेमाल से, नशे के इंजेक्शन के इस्तेमाल से। माता-पिता से बच्चे को व बिना जांच के खून चढ़ाने से भी।