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WORLD’S MUSIC DAY: विलुप्त हो रही वाद्य यंत्र, संगीत के इन उपकरणों का एक समय में होता था बहुत मान्यता

locationरायपुरPublished: Jun 21, 2022 07:15:28 pm

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CG Desk

WORLD’S MUSIC DAY: इलेक्ट्रॉनिक ध्वनियों और तकनीकी – आधारित संगीत के युग में, संगीत वाद्ययंत्रों का आकर्षण तेजी से लुप्त हो रहा है। कभी इन्ही वाद्ययंत्रों का महत्व बहुत ज्यादा था।
 

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WORLD’S MUSIC DAY:रायपुर। तबला या पियानो जैसी सामान्य चीज अकसर कंप्यूटरीकृत दुनिया और बिट्स द्वारा प्रतिस्थापित की जाती है, ऐसे में पारंपरिक कलाकारों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए बहुत कम गुंजाइश छोड़ती है, जिनमे से कई उपकरण ऐसी ही विलुप्त होते जा रहे है। खास कर के ये बात भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए विशेष रूप से सच है, जहां कर्नाटक और हिंदुस्तानी दोनो घराने में, प्रत्येक वाद्ययंत्रों ने संगीत शैली को आकार देने में मदद की है, नुकसान अपरिवर्तनीय भी हो सकता है। विश्व संगीत दिवस जो की संगीत के प्रति सम्मान दिखाने के लिए मनाया जाता है, आज के दिन जानेंगे कुछ ऐसे वाद्य यंत्रों के बारे में जो विलुप्त होते जा रहे है या हो चुके हैं।

रुद्र वीणा
ये वाद्ययंत्र सारे यंत्रों की जननी मानी जाती है। यह अपने वंश को पौराणिक कला में वापिस खोजती है और भगवान शिव से जुड़ी हुई है। मिथ्य के अनुसार भगवान शिव ने अपनी पत्नी पार्वती से प्रेरित हो कर इस यंत्र की रचना की थी। इस यंत्र को सिर्फ संग्रहालय में ही देखा जा सकता है। इस यंत्र के वादक कुछ गिने चुने ही जिंदा है और ये विलुप्त होने के कगार पर है।

मयूरी
मोर की तरह आकार और मोर बिल और पंखों के साथ ये यंत्र देखने में बड़ा खूबसूरत लगता है। इस यंत्र का सिख और पंजाब से एक गहरा रिश्ता है। कहा जाता है की सिखों के गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने इस यंत्र का अविष्कार किया था। इस यंत्र को मां सरस्वती से भी जोड़ा जाता है। यह यंत्र भी विलुप्त होने के कगार पर है।

मोर्चांग
ये यंत्र राजस्थान में बहुत मशहूर है और राजस्थान के लोक संगीत में इसका हमेशा इस्तेमाल होता है आया है, लेकिन कुछ सालों से ये यंत्र भी विलुप्त होने के कगार पर पूछ चुका है।

नागफणी
ये यंत्र सर्प शैली के सिर वाली पीतल की नली वाली यंत्र को अकसर साधुओं और संतो के साथ जोड़ा जाता है। नागफणी का सही मायने में मतलब सांप जैसे सर वाला यंत्र है। ये यंत्र कभी गुजरात और राजस्थान में लोकप्रिय था लेकिन अब विलुप्त होने के कगार पर है।

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