पहले राउंड में ही कांग्रेस बनाई बढ़त
कांग्रेस उम्मीदवार वर्मा ने पहले राउंड से ही बढ़त बनाए हुए थीं। यह सिलसिला जो शुरू हुआ, वह आखिरी राउंड तक कायम ही रहा। हालांकि बीच में भाजपा प्रत्याशी ने इस अंतर को जरूर कम करने का प्रयास किया, लेकिन वोटों का अंतर इतना ज्यादा हो गया कि जीत उनके हाथों से 10वें राउंड के बाद ही खिसक गई। इस बात का अहसास भाजपा समर्थकों को भी हो गया था। कांग्रेस की बढ़त देखते हुए पहले ही भाजपा समर्थक मतगणना स्थल से लौटने लगे। कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा को 87 हजार 879 मत और भाजपा के कोमल जंघेल को 67 हजार 703 मत मिले।
जमानत नहीं बचा पाए जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी
खैरागढ़ की यह सीट जोगी कांग्रेस के खाते में थीं। दिवंगत देवव्रत सिंह ने यह जीत हासिल की थी, लेकिन उप चुनाव में जोगी कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा। इनके प्रत्याशी नरेन्द्र सोनी की जमानत तक जब्त हो गई। वे पांचवें स्थान पर रहे।
जिला बनाने की कवायद शुरू
कांग्रेस की जीत की बढ़ी वजह जिले की घोषणा को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा था कि १६ को कांग्रेस प्रत्याशी जीतेगा और १७ को खैरागढ़ जिल बनेगा। कांग्रेस प्रत्याशी की जीत की राह आसान होते ही प्रशासनिक हलचल भी तेज हो गई है। बताया जात है कि सामान्य प्रशासन और राजस्व विभाग के अफसरों को काम पर बुला लिया गया है। माना जा रहा है कि रविवार की शाम तक नए जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई की अधिसूचना जारी कर सीमा के लिए दावा-आपत्ति मंगाई जा सकती है।
जनता ने फिर से जताया भरोसा- सीएम
खैरागढ़ की जीत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट में लिखा है, खैरागढ़ की जनता ने आज फिर से भरोसा जताया कि कांग्रेस ही है जो कहती है, वह करती है। यशोदा वर्मा जी को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 71 वें विधायक के रूप में चुने जाने पर बधाई। हमारे एक-एक कार्यकर्ता की मेहनत के बिना यह संभव नहीं था। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, खैरागढ़ की जनता ने एक व्यापक संदेश देकर नफरत के सौदागरों को यह भी बता दिया कि छत्तीसगढ़ के लोग शांतिप्रिय हैं। यहां अगर नफरत का व्यापार करने की कोशिश करेंगे, तो छत्तीसगढ़ के लोग माफनहीं करेंगे।
क्या 90 जिले बनाने की सोच रहे हैं-रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, किसी उपचुनाव में घोषणा पत्र जारी करते हुए पहली बार देखा गया। इस चुनाव में साढ़े तीन साल के काम की न कोई चर्चा हुई और न ही बातचीत हुई है। छत्तीसगढ़ में एेसा पहली बार हो रहा है कि सरकार अपनी उपलब्धि लेकर नहीं, बल्कि अपने घोषणा पत्र को लेकर साढ़े तीन साल में वापस जा रही है। क्या अब जो विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उसमें कांग्रेस के लोग 90 विधानसभा को 90 जिला बनाने की बात सोच रहे हैं, क्योंकि जिले से उनकी वैतरणी पार होती दिखाई दे रही है।