मम्मी प्रमिला ने बताया कि बिटिया प्रीमैच्योर पैदा हुई थी। ऑक्सीजन देते वक्त रेटिना में इफेक्ट आने से आंखों की रौशनी चली गई। यवनिका ने कहा, मैं नहीं चाहती कि कोई मुझे देखकर आश्चर्य करे या सिंपैथी दिखाए। मैं नॉर्मल हूं। यवनिका ने कहा कि मैं डिसएबिलिटी लॉ पर वर्क करूंगी। अभी भी लोगों में इसे लेकर जागरुकता नहीं है। मैंने खुद फेस किया है कि लॉ बुक्स ऑनलाइन नहीं मिलतीं, जो किताबें यूनिवर्सिटी में है उसकी स्कैनिंग में प्रॉब्लम जाती है।
बड़े शहरों में यह सामान्य बात है यवनिका ने बताया, आंखों से दिखाई नहीं देना कोई बड़ी बात नहीं है। बड़े शहरों में तो लोग इसे सामान्य ही समझते हैं। इसलिए हैरानी की कोई बात नहीं है। मैंने ब्रेल लिपि से पढ़ाई की। मेरा खुद का लैपटॉप है। जिसमें मैं कंफर्ट हूं। उन्होंने कहा कि मैं अभी से नहीं बता सकती कि किस तरह के केस लड़ूूंगी, यह डिपेंड करता है कि डिसएबिलिटी में कैसे केस आएंगे। बिटिया की उपलब्धि देखकर पैरेंट्स भावुक हो गए। जब मां से पूछा गया कि आप कैसा महसूस कर रही हैं तो उनकी आंखें भर आईं। वे कहने लगीं, एक मां के लिए इससे बड़ा खुशी का दिन और क्या हो सकता है।