ब्लूप्रिंट के आधार पढ़ें
हितेश दीवान अकाउंटेंसी एक्सपर्टचूंकि कल अकाउंट का पेपर है। टाइम बिल्कुल भी नहीं है। एेसे में स्टूडेंट्स प्री-बोर्ड के सवालों को हल कर लें। सिर्फ वही क्वेश्चंस को सॉल्व करने में टाइम लगाए जिसे आने की बहुत ज्यादा संभावना हो। बच्चे एक्जाम सेंटर में अक्सर बैड डेब्ट्स और डाउटफुल डेब्ट्स को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं, इस पर एक नजर जरूर मार लें। चूंकि आब्जेक्टिव 20 नंबर के आते हैं। इसमें माक्र्स भी नहीं कटते। इसलिए समरी जरूर पढ़ लें। स्टूडेंट्स चाहें तो ऑब्जेक्टिव में पूछे जाने वाले सही जोड़ी, रिक्त स्थान, बहुविकल्पीय प्रश्नों को अच्छे से पढ़ सकते हैं। कठिन सवालों में जरा भी टाइम न गवाएं। माशिमं द्वारा हेल्प लाइन जारी है। यहां दोपहर दो से शाम पांच बजे तक अकाउंट्स से जुड़ी समस्याएं पूछी जा सकती हैंं। टाइम कम होने की वजह से थ्योरी पर ज्यादा फोकस नहीं किया जाना चाहिए।
मन को शांत रखना जरूरी
अमल कुमार दुबे मैथ्स एक्सपर्टफार्मूले का सही उपयोग, कौन सा फार्मूला कहां फिट होना है, सिमलर क्वेश्चन में सूत्रों सही प्रयोग करके गणित में बेहतर अंक हासिल किए जा सकते हैं। जो गणित आपसे नहीं बन रहा उस पर ज्यादा फोकस न करें। चूंकि मैथ्स का पर्चा 27 मार्च को होना है। लेकिन अन्य पेपर भी तो देने हैं। एेसे में टाइम बहुत कम होगा। छात्रों को चाहिए कि वे पढ़ते वक्त मन शांत रखें। मेडिटेशन करें। एग्जाम हॉल में पहुंचने के बाद प्रश्नपत्र मिलते तक आंखों को बंद कर ध्यान किया जा सकता है। बिना तनाव के ही पेपर बढि़या बनता है। छात्रों को चाहिए कि वे देर रात तक पढऩे के बजाय अर्ली मॉर्निंग उठकर स्टडी करें। सुबह के समय कुदरती तौर पर मन शांत रहता है। इसी आधार पर एकाग्रता भी बढ़ती है जिससे माइंड में ऑब्जर्व करने की क्षमता बढ़ती है।
बिना डर के दें परीक्षा
अंजुम रहमान, व्याख्याता शासकीय हिंदू हाई स्कूलचूं कि बोर्ड एग्जाम दूसरे स्कूल में देने होते हैं, एेसे में बच्चे कई बार असहज हो जाते हैं, इस बात को दरकिनार करते हुए बच्चों को बिना डर के एग्जाम देना चाहिए। इसके अलावा एडमिट कार्ड साथ ले जाना भूले नहीं। न ही उसमें कुछ लिखें। पैरेंट्स बच्चों के खानपान पर बराबर नजर रखें। ज्यादा नंबर लाने की अपेक्षा रखना भी बच्चों में प्रेशर की वजह बनता है। मां-बाप इस पर जरूर ध्यान दें कि दबाव न बने।
चाय-काफी करें अवाइड
डॉ अरुणा पल्टा, डाइटिशियनलोगों में ये भ्रांति है कि चाय-काफी पीने से अलर्टनेस आती है, जबकि इसके ज्यादा उपयोग से बच्चों में साइड इफेक्ट होता है। कम मात्रा में कोई दिक्कत नहीं है। एग्जाम मंथ में विद्यार्थियों को चाहिए वे लाइट भोजन करें जिससे की पढ़ते वक्त नींद न आए। खाने में दूध-दही के अलावा जूस, नींबू पानी का उपयोग बढ़ाएं। तली-भूनी चीजों के ज्यादा उपयोग से बचें।