पुश्तैनी काम है
जोगेंद्र बताते हैं कि हमारा काम पुश्तैनी है। जब से होश संभाला, परिजनों को यही काम करते देखा। मैं कब इसे सीख गया मुझे पता भी नहीं चला। ताल पत्र में पामलीफ को आकर्षक तरीके से उकेरा जाता है। इसमें वात्सायन के कामसूत्र को बनाया गया है।
सिल्क में कलाकारी
जोगेंद्र ने बताया, पट चित्र का इतिहास ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर के समय का है। बरसों तक पट चित्र को शीट में उकेरते थे। ये शीट कॉटन के कपड़े और शंख के चूर्ण से बनाई जाती थी। लेकिन अब सिल्क में इसे बनाया जा रहा है। इससे इसमें टिकाउपन के साथ ही लूक बढ़ जाता है।
जोगेंद्र कहते हैं कि बचपन से परिवार वालों को यह काम करते देखते आया हूं। लेकिन मेरे लिए ये काफी कठिन कार्य है। इसमें बहुत ही एक्रागता की जरूरत पड़ती है। अगर आपका मूड ठीक नहीं हो तो आप इसे बेहतर तरीके से नहीं कर पाएंगे।