scriptपटचित्र में कामसूत्र की ऐसी कारीगरी कि देखते रह जाएंगे आप | You will be seen to see the workmanship of Kama Sutra in Patachitra | Patrika News

पटचित्र में कामसूत्र की ऐसी कारीगरी कि देखते रह जाएंगे आप

locationरायपुरPublished: Feb 22, 2018 12:58:11 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

ओडिशा की पौराणिक कथाओं के साथ वात्सायन के कामासूत्र को भी उकेरा गया है। इसमें काफी बारीकी से काम लिया गया है। मशीनी युग में भी हैंड मेकिंग सामानों की

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ताबीर हुसैन @ रायपुर . वैसे तो पटचित्र का इतिहास हजारों साल पुराना है। लेकिन इसे सहेजकर रखना बड़ी बात है। हाट बाजार में लगे शिल्प मेले में ओडिशा के कलाकार इस कृति को लेकर आए हैं। इस महीन कारीगरी की खासियत ये है कि इसमें ओडिशा की पौराणिक कथाओं के साथ वात्सायन के कामासूत्र को भी उकेरा गया है। इसमें काफी बारीकी से काम लिया गया है। पंडरी हॉट में इन दिनों गांधी शिल्प बाजार लगा हुआ है। यहां देश के विभिन्न हिस्सों के हुनरबाज पहुंचे हुए हैं। विभिन्न विधाओं में पारंगत कारीगर अपनी कला का नमूना पेश कर रहे हैं। मशीनी युग में भी हैंड मेकिंग सामानों की पूछपरख कम नहीं हुई है। एेसी चीजों में काफी मेहनत की जाती है जिससे घरों की सजावट के साथ व्यक्तित्व में भी निखार आता है। ओडिशा के जोगेंद्र स्वाइग पट चित्र लेकर पहुंचे हैं। इसमें वहां की पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया है।


पुश्तैनी काम है


जोगेंद्र बताते हैं कि हमारा काम पुश्तैनी है। जब से होश संभाला, परिजनों को यही काम करते देखा। मैं कब इसे सीख गया मुझे पता भी नहीं चला। ताल पत्र में पामलीफ को आकर्षक तरीके से उकेरा जाता है। इसमें वात्सायन के कामसूत्र को बनाया गया है।


सिल्क में कलाकारी
जोगेंद्र ने बताया, पट चित्र का इतिहास ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर के समय का है। बरसों तक पट चित्र को शीट में उकेरते थे। ये शीट कॉटन के कपड़े और शंख के चूर्ण से बनाई जाती थी। लेकिन अब सिल्क में इसे बनाया जा रहा है। इससे इसमें टिकाउपन के साथ ही लूक बढ़ जाता है।

सीखने में लग गया बहुत समय
जोगेंद्र कहते हैं कि बचपन से परिवार वालों को यह काम करते देखते आया हूं। लेकिन मेरे लिए ये काफी कठिन कार्य है। इसमें बहुत ही एक्रागता की जरूरत पड़ती है। अगर आपका मूड ठीक नहीं हो तो आप इसे बेहतर तरीके से नहीं कर पाएंगे।
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