यह भी पढ़ें: घरवालों ने मोबाइल पर गेम खेलने से मना किया तो 13 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर दे दी जान
चिता तैयार रखा था मैनेजर
रविकांत मारवाड़ी श्मशानघाट का मैनेजर है। उसने कमलेश के शव को ठिकाने लगाने के लिए चिता तैयार करवा लिया था। बेदकरण और टीकाराम कार को सीधा चिता के पास ले गए। और शव को बोरा सहित चिता पर जलाने के लिए रख दिया। और आग लगा दी। इस पर आसपास के कुछ लोगों की नजर पड़ गई। बोरा सहित शव को जलाने और मौके पर केवल तीन लोगों को देखकर संदेह हुआ। इसके बाद लोगों ने डॉयल 112 को सूचना दी। इसके बाद कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव दहन को रूकवा दिया। बेदकरण, टीकाराम और रविकांत को पकड़कर पूछताछ शुरू की गई। मंदिरहसौद पुलिस को छेरीखेड़ी भेजकर मृतक कमलेश के बारे में जानकारी ली गई। इस बीच पूछताछ में बेदकरण ने कमलेश की हत्या करना स्वीकार किया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया है।
बार-बार बदल रहा बयान
आरोपी बेदकरण बार-बार अपना बयान बदल रहा था। हत्या का अलग-अलग कारण बता रहा है। कभी मृतक को नशेड़ी बताता था। और नशे में धुत होकर मारपीट और गाली-गलौज करने से नाराज होकर हत्या करना बता रहा था। दूसरी ओर मृतक की पत्नी भी कुछ दिनों से आरोपियों के घर में ही है। बताया जाता है कि इसी के चलते मृतक और आरोपियों के बीच विवाद होता था। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह भी पढ़ें: गैर महिला के साथ घूम रहे पति को पत्नी ने रंगे हाथ पकड़ा फिर बीच सड़क पर मचा हंगामा
अधजले शव का पंचनामा
पुलिस के पहुंचने तक कमलेश के शव का आधा हिस्सा जल चुका था। पुलिस ने अधजले शव को बाहर निकाला और पंचनामा करके उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मंदिरहसौद पुलिस मामले की जांच कर रही है।