ऐसे हुआ खुलासा
रायपुर आरटीओ दफ्तर में रोजाना दर्जनों युवक अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र लेकर पहुंच रहे थे। साथ ही कौशल परीक्षण के संबंध में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से जानकारी मांगी जा रही थी। लेकिन, उन्हें खुद ही समझ नहीं आ रहा था। बताया जाता है कि लगातार भीड़ बढऩे के बाद विभागीय अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पत्र को दिखाया। इसमें पहली सूची में शामिल किए गए लोगों का कौशल परीक्षण 5 से 23 मार्च और दूसरी सूची में 5 जुलाई से 23 जुलाई 2020 तक पूरा करने का ब्यौरा दिया हुआ था। वहीं कौशल परीक्षण के बाद तुरंत नियुक्ति पत्र जारी करना बताया गया है।
सहायक परिवहन आयुक्त सैलाभ साहू ने बताया कि सोशल मीडिया पर परिवहन विभाग का फर्जी पत्र जारी किया गया था। इसमें सभी वर्गों का कौशल परीक्षण के तुरंत बाद नियुक्ति पत्र भी जारी करने का उल्लेख किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए खमतराई थाना में शिकायती पत्र भेजा गया है।
रायपुर आरटीओ दफ्तर में रोजाना दर्जनों युवक अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र लेकर पहुंच रहे थे। साथ ही कौशल परीक्षण के संबंध में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से जानकारी मांगी जा रही थी। लेकिन, उन्हें खुद ही समझ नहीं आ रहा था। बताया जाता है कि लगातार भीड़ बढऩे के बाद विभागीय अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पत्र को दिखाया। इसमें पहली सूची में शामिल किए गए लोगों का कौशल परीक्षण 5 से 23 मार्च और दूसरी सूची में 5 जुलाई से 23 जुलाई 2020 तक पूरा करने का ब्यौरा दिया हुआ था। वहीं कौशल परीक्षण के बाद तुरंत नियुक्ति पत्र जारी करना बताया गया है।
सहायक परिवहन आयुक्त सैलाभ साहू ने बताया कि सोशल मीडिया पर परिवहन विभाग का फर्जी पत्र जारी किया गया था। इसमें सभी वर्गों का कौशल परीक्षण के तुरंत बाद नियुक्ति पत्र भी जारी करने का उल्लेख किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए खमतराई थाना में शिकायती पत्र भेजा गया है।