शुशांत आगे कहते हैं, जशपुर राज परिवार के सभी सदस्य राजनीति में है, तो युद्धवीर का आना स्वाभाविक था। जब युद्धवीर को विधानसभा टिकट देने की बात चली तब तत्कालीन भाजपा नेता स्व. करूणा शुक्ला ने कहा था युद्धवीर का जूदेव जी का बेटा होना ही काफी है। उन्होंने सिर्फ 26 साल की उम्र में चुनाव लड़ा, 2 बार चंद्रपुर से विधायक रहे।
पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक युद्धवीर सोशल मीडिया में उनके बयानों को जिस तरह से प्रजेंट्स किया जा रहा था, उससे आहत थे। इसे लेकर उन्होंने बीते दिनों राष्ट्रीय सह सगंठन महामंत्री शिवप्रकाश से मुलाकात भी की थी। अपनी बात रखी थी, क्योंकि उनके बयान पार्टी विरोधी हो रहे थे। सूत्रों के मुताबिक युद्धवीर के अपनी पार्टी के स्थानीय नेताओं से मनभेद थे। मगर, वे पार्टी में रहकर आगे काम करना चाहते थे। उनके पीछे पत्नी और बेटी है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि युद्धवीर भाजपा में एक बड़ा युवा चेहरा थे।
लिवर सिरोसिस से पीड़ित
युद्धवीर 2018 से लिवर संबंधित बीमारी से परेशान थे। रायपुर, दिल्ली और बेंगलूरु में इलाज चला। अंत में बैंगलुरू शिफ्ट किया गया। जहां लिवर ट्रांसप्लाट की तैयारी थी, मगर मौका नहीं मिल सका।
धर्मांतरण के मुद्दे पर सुकमा एसपी की सराहना की थी
युद्धवीर ने सुकमा एसपी द्वारा अपने अधिनस्त अधिकारियों को लिखे पत्र की सराहना की थी। लिखा था कि जिस प्रकार आपने मिशनरी की पोल खोली, आपको सलाम। बहुजन हिंदू परिषद जूदेव सदैव तत्पर है आपके लिए।