कैंप के आसपास दिखाई देने वाली संदिग्ध रोशनी की जांच करने नाइट विजन ड्रोन और लेजर सर्चिंग लाइट की व्यवस्था की गई है। इसे लगातार उडाऩे के निर्देश जवानों को दिए गए है। साथ ही जवानों को सतर्क रहने और आसपास के सभी कैंपों की सुरक्षा बढ़ाने कहा गया है। बताया जाता है कि ग्रामीणों ने इसे कई बार उड़ते हुए देखा था। लेकिन, सुरक्षाबलों का होने के कारण किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था।
माओवादी प्रभावित किस्टाराम गांव में पुलिस थाना और सुरक्षाबलों का कैंप है। यहां सीआरपीएफ, कोबरा और डीआरजी के 500 जवानों की तैनाती की गई है। सुकमा एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि पिछले तीन दिनों चमकीली वस्तु को उड़ते हुए देखा गया है। यह माओवादियों का ड्रोन हो सकता है। इसका उपयोग वह टोह लेने के लिए माओवादियों द्वारा किए जाने की आशंका है।
विवेकानंद सिन्हा आईजी बस्तर रेंज ने बताया प्रतिबंधित क्षेत्र में चमकीली लाइट के साथ आवाज रहित ड्रोन को देखा गया है। यह क्या है और क्यो उसे उड़ाया जा रहा है इसकी पतासाजी की जा रही है। इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।