scriptहर विधानसभा में बनेगा एक पिंक बूथ, महिला कर्मचारी होंगी तैनात | A Pinkbooth will be made in every assembly, women will be deployed | Patrika News

हर विधानसभा में बनेगा एक पिंक बूथ, महिला कर्मचारी होंगी तैनात

locationरायसेनPublished: Oct 12, 2018 12:00:13 am

विधानसभा चुनावों में इस बार चुनाव आयोग एक नया प्रयोग करने जा रहा है। महिलाओं को आगे लाने और उनके नेतृत्व में मतदान संपन्न कराने का प्रयोग किया जाएगा।

Pink booth

हर विधानसभा में बनेगा एक पिंक बूथ, महिला कर्मचारी होंगी तैनात

रायसेन. विधानसभा चुनावों में इस बार चुनाव आयोग एक नया प्रयोग करने जा रहा है। महिलाओं को आगे लाने और उनके नेतृत्व में मतदान संपन्न कराने का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए जिले की हर विधानसभा में एक पिंक बूथ बनाया जाएगा। जिसमें हर मतदान कर्मचारी महिला ही होंगी। हालांकि बूथ पर मतदान के लिए महिला, पुरुष सभी आएंगे, लेकिन उनका मतदान कराने की जिम्मेदारी पूरी तरह से केवल महिलाओं पर ही होगी। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी एस प्रिया मिश्रा के नेतृत्व में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

जिले की हर विधानसभा में एक पिंक बूथ बनाने के लिए उपयुक्त मतदान केंद्र की तलाश की जा रही है। संभवत: यह केंद्र तहसील मुख्यालय के ही किसी मतदान केंद्र को बनाया जा सकता है। प्रशासन फिलहाल केंद्रों पर व्यवस्थाएं करने के साथ शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के प्रयासों में जुटा हुआ है।
डीजे संचालकों की रोजी रोटी पर संकट
जिले में डीजे का करोबार करने वाले लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। तीन माह बारिश के गुजरने के बाद डीजे संचालकों को त्योहार के दौरान कारोबार की आशा जागी थी, लेकिन चुनाव आचार सहिता के लागू होते ही डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
दुर्गोत्सव, दीपावली जैसे त्योहार पर भी डीजे संचालकों का धंधा पिट रहा है। इससे डीजे संचालकों में बेराजगारी का भय सताने लगा है।
डीजे संचालक नीलेश खटीक बताते हैं कि जुलाई के बाद उनका धंध पूरी तरह से बंद हो जाता है। नवरात्र से धीरे-धीरे कारोबार शुरू होता है, लेकिन ६ अक्टूबर से चुनाव आचार सहिता लगने के बाद से प्रशासन ने गैर राजनीतिक कार्यक्रमों में भी डीजे बजाने पर रोक लगा दी है।
हर दिन का रखना होगा हिसाब
चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार खर्च की सीमा २८ लाख रुपए तय की गई है। प्रत्याशियों को हर दिन का हिसाब रजिस्टर में दर्ज करना होगा। रजिस्टर को चुनाव प्रक्रिया के दौरान आवश्यक दस्तावेजों के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी, निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षकों या नियुक्त व्यय लेखा अधिकारी को तीन दिन में एक बार दिखाना होगा।
प्रत्याशी के खर्च की जानकारी आयोग की वेबसाइट पर भी लोड की जाएगी। जिसे आम आदमी भी देख सकेगा।
शादी समारोह में भी नहीं बजेंगे डीजे
इस वर्ष ७ नवम्बर की दीवाली के बाद करीब १८ नवम्बर से शादी का सीजन शुरू हो रहा है, लेकिन प्रदेश में चुनाव की प्रक्रिया ११ दिसम्बर तक चलेगगी। इस दौरान किसी भी कार्यक्रम में डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। डीजे संचालकों ने दवे स्वर में इसका विरोध करते हुए कहा कि राजनीतिक कार्यक्रम, चुनाव प्रचार में यह प्रतिबंध समझ में आता है, लेकिन घार्मिक और सामाजिक कार्यो में इस पर प्रतिबंध बाजिब नहीं है। इस प्रतिबंध से जिले के लगभग तीन सौ डीजे संचालक फिलहाल ढाई माह तक बेरोजगार रहेंगे।
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