विवाद भी होता है
किसान जब बार-बार भुगतान के लिए दुकान पर पहुंचते हैं, तो व्यापारी किसानों को सामान दिलाने की बात करते हैं। ऐसे में कई बार किसान और व्यापारियों के बीच विवाद भी होने लगता है। मंडी के नीलामी शेड में व्यापारियों का अनाज रखा रहता है। किसानों को अपनी उपज नीलामी कराते समय ढेर लगाने की जगह नहीं मिलती। किसानों का कहना है कि व्यापारी ने आज तक किसानों को एक मुश्त भुगतान नहीं किया।
किसान जब बार-बार भुगतान के लिए दुकान पर पहुंचते हैं, तो व्यापारी किसानों को सामान दिलाने की बात करते हैं। ऐसे में कई बार किसान और व्यापारियों के बीच विवाद भी होने लगता है। मंडी के नीलामी शेड में व्यापारियों का अनाज रखा रहता है। किसानों को अपनी उपज नीलामी कराते समय ढेर लगाने की जगह नहीं मिलती। किसानों का कहना है कि व्यापारी ने आज तक किसानों को एक मुश्त भुगतान नहीं किया।
मंडी सचिव ने जब किसानों को नकद भुगतान दिलाने की कार्यवाही की तो इस बात को लेकर मंडी सचिव पर दबाव बनाने के लिए व्यापारी अड़े हैं। ज्ञापन में मांग की गई कि व्यापारियों पर एफआईआर दर्ज कर, लायसेंस रद्द किए जाए। इस अवसर पर मनमोहन सिंह, महेन्द्र रघुवंशी, मयंक रघु, लखन सिंह, देवेन्द्र रैकवार, राहुल यादव, भरत पटेल आदि किसान सहित एसडीओपी पीएन गोयल, तहसीलदार ब्रजेश सिंह टीआई गिरीश दुबे आदि उपस्थित रहे।