सरकार ने शिक्षण प्रणाली सुधारने उठाया एक और कदम, जाने क्या?
नियम-सरकारी स्कूलों को हाईटैक बनाने राज्य शिक्षा केंद्र की अभिनव पहल

रायसेन। सरकारी प्राथमिक व मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को कोर्स पढ़ाने में कोर्स का ऑनलाइन मटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। मप्र राज्य शिक्षा केंद्र यह पढ़ाई की एक अभिनव योजना बनाई है। इसके तहत शिक्षक-शिक्षिकाओं को हाईटैक पद्धति से पढ़ाना होगा। शिक्षकों को यह सामग्री जिला स्तर पर सॉफ्ट कॉपी में दी जाएगी। हालांकि कम्प्यूटर आधारित पूर्व योजनाएं के सफल नहीं होने से इस प्रोजेक्ट पर अभी से सवाल उठने लगे हैं। हालांकि जिला शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारियों का दावा है कि इस योजना के लागू होने से उन्हें इसका फायदा मिलेगा।
एजुकेशन पोर्टल से सामग्री होगी डाडनलोड
शिक्षकों को दी जाने वाली सामग्री जिला मुख्यालय पर आएगी। इसके बाद इसे ब्लॉक स्तर पर भेजी जाएगी। ब्लॉक से बीआरसी के जरिए सामग्री शिक्षकों तक पहुंचेगी। शिक्षक एजुकेशन पोर्टल से भी सामग्री डाउनलोड कर सकेंगे। इसके लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं का १६ जीबी मैमोरी कार्ड दिए जाएंगे। शिक्षक यह कार्ड मोबाइल फोन में इनसर्ट करेंगे। इसमें विभाग ऑनलाइन तरीके से शिक्षण सामग्री डाउनलोड कर देगा। क्लासों में जरूरत के हिसाब से इस ऑनलाइन सामग्री के जरिए पढ़ाई कराई जा सकेगी। क्लास मेें जरूरत के हिसाब से इस ऑनलाइन सामग्री के जरिए शहर सहित जिलेभर के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई कराई जाएगी।
डीईओ एमपी सेन का कहना है कि इस लर्निंग मटेरियल्स से शिक्षकों के लिए पढ़ाई कराने में सुविधा मिलेगी। वहीं मालूम हो कि वर्ष २००६ में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा वर्ष २००६ में पूरे प्रदेश में हेेडस्टार्ट योजना दोबारा से शुरू हुई थी। हेड स्टार्ट योजना के तहत स्कूलों में एलसीडी, टीवी, लैपटॉप बैटरी, यूपीएस दिए गए थे। लेकिन कंटेंट के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया। कम्प्यूटर का बेसिक ज्ञान रखने वाले शिक्षक भी इन स्कूलों में पदस्थ नहीं हुए।
मेमोरी कार्ड से लेशन प्लान
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मैमोरी कार्ड से लेकर लेशन प्लॉन देखने के लिए अब इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी। बल्कि शिक्षक ऑफलाइन भी इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं शिक्षकों का कहना है कि कार्ड से लेशन प्लान देखने वाले बड़ी स्क्रीन वाले मोबाइल फोन की जरूरत होगी। साधारण फोन की स्क्रीन छोटी होने की वजह से इसमें प्लान देखना संभव नहीं होगा। यानि कार्ड उन्हीं शिक्षकों को देना चाहिए। जिनके पास स्मार्ट फोन हों। विभाग शिक्षकों को शिक्षण सामग्री के रूप में किताबें देता है। डीपीसी विजय कुमार नेमा का कहना है कि हरेक मामले में अक्सर शिक्षक शिकायत करते हैं उनके पास किताबें नहीं पहुंचने क कारण वे ठीक से पढ़ाई नहीं करवा सके। इसके चलते यह योजना शुरू की गई है।
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