मुखर्जी नगर, यशवंत नगर, शिवोम नगर, अर्जुन नगर आदि कॉलोनियों में हर दस, बीस फीट पर बने ब्रेकर कई बार सुरक्षा की जगह दुर्घटना का कारण बनते हैं। ब्रेकर बनाने के पीछे लोगों का तर्क है कि वाहन चालक तेज गति से अपने वाहन दौड़ाते निकलते हैं, जिससे घटना का डर रहता है। हालांकि यह तर्क उचित है, लेकिन ब्रेकर बनाने के लिए विशेषज्ञ की मदद नहीं लेने के कारण इनकी ऊंचाई मापदंडों से अधिक है। कई जगह नुकीले ब्रेकर बना दिए हैं, जो खतरनाक हैं।
पीडब्ल्यूडी ने दरगाह के पास दोनों ओर तीन-तीन रंबल स्ट्रिप ब्रेकर बनाए हैं। जिनकी ऊंचाई तीन इंच रखी गई है। हालांंकि यह नियम के अनुसार है, लेकिन चार पहिया वाहनों के लिए यह अधिक है। इन पर गुजरते हुए वाहन की गति को बहुत कम करना पड़ता है, जिससे कई बार वाहन बंद हो जाते हैं, जिससे पीछे से आ रहे वाहन से टकराने का डर बना रहता है। वाहन चालकों का कहना है कि ये कुछ और नीचे होना चाहिए थे।
यहां जरूरी हैं ब्रेकर
शहर में कुछ स्थान ऐसे हैं जहां स्पीड ब्रेकर या रिंबल स्ट्रिप ब्रेकर की जरूरत है, लेकिन वहां अभी तक इसका निर्माण नहीं किया गया है।
प्रशासन के निर्देश पर दरगाह के पास रिंंबल स्टिक बनाए गए हैं। जो मानक स्तर के हैं।
-किशन वर्मा, ईई पीडब्ल्यूडी
स्पीड ब्रेकर मापदंडों के अनुरूप बनाना उचित है। लगातार ब्रेकर वाहन चालक के लिए नुकसानदायक होते हैं। इससे उनकी रीढ़ की हड्डी पर असर पड़ता है। अचानक वाहन के उछलने से गरदन की हड्डी और कमर की हड्डी पर जर्क आ सकता है।
-डॉ. अखिल बंसल, हड्डी रोग विशेषज्ञ