दरअसल रायसेन से विदिशा के बीच एनएच-146 का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां निर्माण एजेंसी ने जो कच्चा मार्ग बनाया वह सोमवार रात हुई तेज बारिश के बाद पानी के तेज बहाव के साथ बह गया। इस कारण मंगलवार सुबह से रायसेन और सांची के बीच आवागमन बंद हो गया। इसके साथ ही विदिशा जाने के लिए दो वैकल्पिक मार्गों का उपयोग किया जा रहा है, जबकि सांची के लिए लोगों को विदिशा होकर जाना पड़ रहा है।
इस मार्ग पर दो बड़े पुल का निर्माण किया जा रहा हैं। जिन्हें आशीष इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने पेटी ठेके पर प्रांजल कंपनी को दिया है। इस निर्माण कंपनी ने बिना परिवर्तित मार्ग बनाए कोड़ी पुल का पुराना पुल भी तोड़ दिया, वहीं बारिश से कच्चा रोड बह गया।
बताया जा रहा है कि चार दिन पहले कंपनी ने मिट्टी डालकर मार्ग डायवर्ट कर दिया था। जबकि नियमानुसार डायवर्सन मार्ग पक्का बनाया जाना चाहिए। फिलहाल स्थिति ये है कि निर्माण कंपनी की मनमानी और लापरवाही के चलते यह मार्ग अब बारिश भर लोगों कि परेशानी का कारण बनेगा।
नए पुल के निर्माण की गति धीमी होने के कारण कोड़ी के अलावा इसी मार्ग पर बेतवा के पगणेश्वर पुल का निर्माण अटका हुआ है। ये बढ़ी परेशानी
मुख्य मार्ग पर परिवर्तित मार्ग बह जाने से अब रायसेन और सांची के बीच सीधा आवागमन बंद हो गया है। जिससे लोग परेशान होते नजर आए। मगर रायसेन से सांची या सांची से रायसेन जाने के लिए अब लोगों को विदिशा होकर आना-जाना करना पड़ेगा। जो लगभग 20 किलोमीटर अधिक होगा। हालांकि विदिशा के ग्रामीण क्षेत्र से बना मार्ग खुला हुआ है, जिससे बसों का भी आवागमन हो रहा है।
मुख्य मार्ग पर परिवर्तित मार्ग बह जाने से अब रायसेन और सांची के बीच सीधा आवागमन बंद हो गया है। जिससे लोग परेशान होते नजर आए। मगर रायसेन से सांची या सांची से रायसेन जाने के लिए अब लोगों को विदिशा होकर आना-जाना करना पड़ेगा। जो लगभग 20 किलोमीटर अधिक होगा। हालांकि विदिशा के ग्रामीण क्षेत्र से बना मार्ग खुला हुआ है, जिससे बसों का भी आवागमन हो रहा है।
धंसी चार पुलियाएं
रायसेन से भोपाल मार्ग पर गोपालपुर से सदालतपुर बाइपास पर नई पुलियाएं मार्ग शुरू होने से पहले की धंस रही हैं। प्री-मानसून की बारिश में एक पुलिया धंसी थी, जिसकी मरम्मत कर दी गई। मानसून आते ही बाकी पुलियाएं भी धंसने लगी हैं। चार पुलियाएं धंस रही हैं। बाइपास का उपयोग अधिकतर भारी वाहनों के लिए किया जाता है, ऐसे में इस मार्ग के लंबे चलने की कतई उम्मीद नहीं की जा सकती।
रायसेन से भोपाल मार्ग पर गोपालपुर से सदालतपुर बाइपास पर नई पुलियाएं मार्ग शुरू होने से पहले की धंस रही हैं। प्री-मानसून की बारिश में एक पुलिया धंसी थी, जिसकी मरम्मत कर दी गई। मानसून आते ही बाकी पुलियाएं भी धंसने लगी हैं। चार पुलियाएं धंस रही हैं। बाइपास का उपयोग अधिकतर भारी वाहनों के लिए किया जाता है, ऐसे में इस मार्ग के लंबे चलने की कतई उम्मीद नहीं की जा सकती।
बड़ी लापरवाही
जानकारों का कहना है जिस तरह से पूरा मामला सामने आया है, उसे देखकर लगता है कि परिवर्तित मार्गों के निर्माण में बड़ी लापरवाही बरती है। चर्चा ये भी है कि कोड़ी पर बहे मार्ग को केवल मिट्टी डालकर बनाया गया था, जबकि इसका निर्माण पक्का होना था। संयोग से कोई हादसा नहीं हुआए यदि सड़क के बहते कोई वाहन इस पर होता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
जानकारों का कहना है जिस तरह से पूरा मामला सामने आया है, उसे देखकर लगता है कि परिवर्तित मार्गों के निर्माण में बड़ी लापरवाही बरती है। चर्चा ये भी है कि कोड़ी पर बहे मार्ग को केवल मिट्टी डालकर बनाया गया था, जबकि इसका निर्माण पक्का होना था। संयोग से कोई हादसा नहीं हुआए यदि सड़क के बहते कोई वाहन इस पर होता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
जिम्मेदार मौन
सड़क निर्माण कंपनी द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं। अधिकारियों का यह मौन किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
सड़क निर्माण कंपनी द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं। अधिकारियों का यह मौन किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकता है।