मामले अदालत में दिए जाएंगे
यातायात पुलिस के जवान घर पर जाकर ऐसे वाहन चालक को नोटिस थमाते हैं, जिसमें 7 दिन के अंदर चालान की राशि जमा करनी होती है। राशि जमा नहीं करने पर ऐसे वाहन चालकों के मामले अदालत में दिए जाएंगे।
कारगर साबित हो सकता है
लगभग एक माह पहले यातायात पुलिस ने यह प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें अभी तक ऐसी नौबत नहीं आई है कि किसी वाहन चालक का मामला अदालत तक पहुंचा हो। हालांकि यातायात पुलिस अभी बहुत सख्ती भी नहीं बरत रही है, लेकिन आने वाले समय में यह प्रयोग कारगर साबित हो सकता है।
व्यवस्था सुधरती चली जाएगी
पुलिस को भरोसा है कि वाहन चलाते समय और शहर में कहीं पर भी वाहन खड़े करने पर जब नोटिस घर पहुंचेंगे तो शहर की यातायात व्यवस्था सुधरती चली जाएगी।
10 लोगों को ही नोटिस भेजे जाते हैं
यातायात पुलिस इस व्यवस्था को फि लहाल प्रायोगिक तौर पर लागू कर रही है। जिसमें हर दिन 5 से 10 लोगों को ही नोटिस भेजे जाते हैं धीरे-धीरे यह व्यवस्था लोगों की जानकारी में आती जा रही है और नोटिस का दायरा भी इसी के साथ बढ़ता जाएगा।
यहां लगाए हैं कैमरे
पुलिस ने शहर में 9 जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इनमें भोपाल रोड पर दरगाह के पास, मुखर्जी नगर चौराहा, टोल नाका सागर रोड, बस स्टैंड, सागर तिराहा, महामाया चौक, सांची रोड पर इंडियन चौराहा और गोपालपुर पर कैमरे लगाए गए हैं। हर कैमरे की निगरानी पुलिस कंट्रोल रूम से की जा रही है।
सभी कैमरों से की जाती है निगरानी
इनमें शहर की सीमा पर लगे तीन कैमरे गोपालपुर, दरगाह और टोल नाका पर लगे कैमरों से बिना हेलमेट दो पहिया वाहन चलाने वाले वाहन चालकों की निगरानी की जाती है। जबकि मुखर्जी नगर, सागर तिराहा, महामाया चौक और इंडियन चौराहा पर लगे कैमरों से नो पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों की निगरानी की जा रही है। तीन सवारी बिठाल कर दो पहिया चलाने वाले वाहन चालकों की निगरानी सभी कैमरों से की जाती है।
गलती चालक की, नोटिस मालिक को
शहर में ऐसे कई वाहन मालिक हैं जिनके चार पहिया वाहन विभिन्न सरकारी विभागों में किराए पर चल रहे हैं। इनको चलाने वाले चालक यदि वाहन को नो पार्किंग में खड़ा करते हैं तो नोटिस वाहन मालिक को मिलता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया इसमें चार पहिया वाहन के मालिक संदीप दुबे के घर नोटिस पहुंच गया। जिसमें बताया गया कि उनका वाहन नगर पालिका के पास नो पार्किंग में खड़ा हुआ था। नोटिस मिलने के बाद संदीप दुबे को चालान का शुल्क 500 रुपए जमा करना पड़ा।
व्यवस्था में यह पेंच
इस व्यवस्था में वाहन चालकों को नई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ रहा है। सबसे पहली समस्या तो यह है कि यदि किसी वाहन चालक ने अपना वाहन किसी अन्य को बेच दिया है और उसका वाहन कहीं यातायात के नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो नोटिस उस वाहन के नए मालिक की जगह पुराने मालिक के घर पहुंच रहा है। प्रत्यक्ष रूप से तो वह नियम तोडऩे का दोषी नहीं है, लेकिन वाहन बेचने के बाद उसने खरीदार के नाम ट्रांसफर नहीं किया, इसलिए नोटिस उसी को मिलना है।
वार्ड तीन निवासी राकेश यादव ने अपना स्कूटर लगभग 3 साल पहले अन्य व्यक्ति को बेच दिया था। 4 दिन पहले यातायात पुलिस के जवान उसके घर नोटिस लेकर पहुंच गया। नोटिस देखकर राकेश यादव सकते में आ गया।
पार्किंग ही नहीं तो नो-पार्किंग कैसी
वाहन चालकों का कहना है कि शहर में कहीं भी पार्किंग की तय व्यवस्था नहीं है। ऐसे में नो पार्किंग जोन किस जगह को कह सकते हैं। पूरे नगर में ही सड़क के किनारे ही वाहन खड़े करने की जगह है। यदि नो पार्किंग के नाम से कार्रवाई करना है तो पहले दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग बनाना चाहिए।
शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने सीसीटीवी कैमरों की मदद से वाहनो की निगरानी की जा रही है। यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के घर नोटिस भेजे जा रहे हैं। चालान जमा नहीं करने पर प्रकरण अदालत में दिए जाएंगे।
गोविंद मेहरा, शहर यातायात प्रभारी