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स्कूल बसों में सिर्फ दिखावा बने हुए हैं सीसीटीवी कैमरे

locationरायसेनPublished: Sep 25, 2018 07:09:49 pm

शहर सहित जिलेभर के प्रायवेट स्कूलों की बसों में न तो सीसीटीवी कैमरे लगे और न ही महिला कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।

स्कूल बस

स्कूल बसों में सिर्फ दिखावा बने हुए हैं सीसीटीवी कैमरे

रायसेन. शहर सहित जिलेभर के प्रायवेट स्कूलों की बसों में न तो सीसीटीवी कैमरे लगे और न ही महिला कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जिन स्कूलों की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे भी हैं तो पता चला है कि उनमें रिक ार्डिंग तक नहीं हो रही है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। आरटीओ सहित शहर की यातायात पुलिस कभी इन प्रायवेट स्कूल की बसों की चैकिंग तक करना मुनासिब नहीं समझते हैं। ऐसे में स्कूल बसों में छात्राओं सहित बच्चे असुरक्षित सफर करने के लिए मजबूर हैं। जिम्मेदार किसी बड़ी घटना घटित होने का इंतजार कर रहे हं। जिला परिवहन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिलेभर के प्रायवेट स्कूलों की १०० बसें पंजीकृत हैं। इनमें ७५ फीसदी बसों में कैमरे लगाए जा चुके हैं। बाकी बसों में यह सुविधा जल्द दी जाएगी।
डमी कैमरे लगाकर चला रहे काम
सूत्रों का कहना है कि कई बसों में डमी कैमरे लगे हैं, केवल दिखावे के लिए। पुराने बिगड़े हुए कैमरे लगाकर अधिकारियों को अंधेरे में रखा जा रहा है। जांच के दौरान अधिकारी भी कैमरों की पूरी जांच नहीं करते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहे हैं। जब भी प्रदेश या देश में किसी स्थान पर कोई घटनाहोती है, तो जिले के अधिकारी दो चार दिनों तक औपचारिकता और दिखाबे के लिए कार्रवाई कर व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा करते हैं। इसके बाद फिर से वही स्थिति नजर आने लगती है।
दरअसल स्कूल बसें सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का किसी भी तरह से पालन नहीं कर रही हैं। स्कूलों से बस में बच्चों के साथ जाने वाले स्टॉफ के कर्मचारी शहर में अपने निवास के पास वाले स्टॉप पर उतर जाते हैं। इसके बाद छात्र-छात्राएं बस के स्टॉफ के भरोसे रहती हैं।
ये हैं जरूरी दिशा-निर्देश
– यातायात पुलिस व जिला पुलिस को स्कूल बसों में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच करना चाहिए।
– चालक, परिचालक का पुलिस वैरिफिकेशन कराना जरूरी है।
– स्कूल का शिक्षक या शिक्षिका बच्चों के साथ बस में सवार हो।
– बसों के अंदर टोल फ्री नंबर, पुलिस का हेल्पलाइन नंबर अंकित होना चाहिए।
– बीच पर बीच में लाल पट्टी और स्कूल का नाम लिखवाना जरूरी है।
– स्कूलों में लगी सौ बसों में से २५ बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाना बाकी है। जल्द ही इन बसों में भी सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिल जाएगी। कैमरों की स्थिति की जांच भी कड़ाई से करेंगे।
रीतेश कुमार तिवारी, आरटीओ रायसेन
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