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मतदाता के साथ अपनों को साधने की चुनौती

locationरायसेनPublished: Nov 18, 2018 01:54:52 pm

Submitted by:

Satish More

कांग्रेस और भाजपा में डेमेज कंट्रोल भी बड़़ी चुनौती, बंट रहे पद, हाथ से छिटक रहे अपने

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Challenge to treat the voters with the voters

रायसेन. चुनाव के पहले प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों और नेताओं के सामने अपनों को साधने की चुनौती है। पार्टियों के बड़े नेताओं को प्रचार और चुनाव जीतने की रणनीति में डेमेज कंट्रोल भी शामिल करना पड़ रहा है, यही कारण है कि आज भी पार्टी में नए लोगों को पद देकर जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। कांग्रेस में ऐसा अधिक दिखाई दे रहा है। जबकि भाजपा के हाथ से छिटकते कार्यकर्ता प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। एक-एक वोट बटोरने की जुगत में लगे प्रत्याशियों के सामने नित नई समस्या आ रही है। जिले की चारों विधानसभाओं में ऐसे हालात बनते दिख रहे हैं।

दोनों दलों की मुसीबत
सिलवानी विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के मुकाबले में निर्दलीय और कांग्रेस के बागी नीलमणि शाह कांटा बन गए हैं। गोंड राजा परिवार के नीलमणि शाह को न तो कांग्रेस साध पाई और ना ही भाजपा। यहां सपा के गौरी सिंह यादव भी मैदान में हैंैं। इन दोनों उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बन रहे हैं।

सांची से बंटवारा
सांची विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है, यहां निर्दलीय या अन्य दलों के प्रत्याशी ग्रामीण वोटों में सेंध लगाने के प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी मनोहर मेहरा, सपॉक्स, आप के प्रत्याशी भी जोत-तोड़ में लगे हैं।

उदयपुरा में सामाजिक समीकरण
उदयपुरा विधानसभा में हमेशा से जातीय समीकरण चुनावी मुद्दों पर हावी रहे हैं। चुनाव की शुरुआत भले ही पार्टी और मुद्दों से हो, लेकिन अंत में जाकर वोटों का बंटवारा जातीय आधार पर निर्भर हो जाता है। यही प्रत्याशियों के लिए जीत और हार का आधार बनता है। ऐसे में निर्दलीय नेतराम कौरव भी अपना जोर लगा रहे हैं।

दो को साधा तो तीसरे ने साथ छोड़ा
भोजपुर विधानसभा से भाजपा के दो बागी कार्यकर्ताओं ने नामांकन भरकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। हालांकि अपनी नाराजगी और टीस मुख्यमंत्री के सामने बयां कर उक्त दोनों कार्यकर्ताओं ने अपने नामांकन वापस ले लिए, लेकिन गुरुवार को तीसरे ने साथ छोड़ दिया। मंडीदीप की पूर्व नपाध्यक्ष पूर्णिमा जैन ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया।

लगातार हो रहीं नियुक्तियां
इधर कांग्रेस में चुनाव के पहले तक विभिन्न पदों पर पदाधिकारियों की नियुक्तियां हो रही हैं। जिसे लोग डेमेज कंट्रोल की संज्ञा दे रहे हैं। बीते एक सप्ताह में कुछ प्रमुख कार्यकर्ताओं को संगठन में पद दिए गए हैं।
सिलवानी विधानसभा से टिकट के दावेदार रहे राजेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश महामंत्री नियुक्त कर जिम्मेदारी सौंपी तो गुरुवार को उदयपुरा के चतुरनारायण रघुवंशी और गैरतगंज क्षेत्र के विजय पटेल को कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राजनीतिक समीक्षक और जानकार इन नियुक्तियों को कार्यकर्ताओं को साधने का प्रयास करार दे रहे हैं।
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