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जन्म जात बीमारियों से जूझ रहे बच्चों का रायसेन के जिला अस्पताल में होगा इलाज

locationरायसेनPublished: May 05, 2019 12:14:53 pm

Submitted by:

Satish More

अभी तक ऐसे बच्चों को सुविधा के अभाव में रेफर कर दिया जाता था

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Children suffering from birth-related diseases will be treated at Rais

रायसेन. मां के गर्भ में ही बीमारियों की चपेट में आने वाले बच्चों का इलाज अब रायसेन के जिला अस्पताल में ही होगा। अभी तक ऐसे बच्चों को सुविधा के अभाव में रेफर कर दिया जाता था। अब ऐसे बच्चों की देखभाल और समय से उपचार के लिए जिला अस्पताल के एनआरसी भवन का रिनोवेशन करने के बाद अर्ली इंटरवेंशन सेंटर शुरू किया जाएगा, जिसमें 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का उपचार होगा। जो जन्म-जात गंभीर बीमारियों की चपेट में है। जिन्हें पहले चिन्हित किया जाएगा और फिर उपचार होगा।

अगर बीमारी अधिक गंभीर होगी और स्थानीय स्तर पर इलाज संभव नहीं होगा, तब अन्य अस्पताल के लिए रेफर किया जाएगा। बच्चों को इलाज की सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया।

 

हालांकि जिला अस्पताल में जन्म जात बीमारियों से ग्रसित बच्चों का उपचार करने के लिए पहले से स्टाफ मुहैया करा दिया गया था, जिसमें एक डीईआईसी मैनेजर, एक काउंसलर, एक सोशल वर्कर शामिल हैं, लेकिन अब सभी सुविधाओं के साथ आरबीएसके की टीम द्वारा जल्द जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र खोले जाने की तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए जिला अस्पताल में भूमि आवंटन की समस्या का निराकरण होने के साथ ही छह हजार वर्गफीट में भवन का निर्माण भी किया जाएगा, लेकिन जब तक भवन नहीं बनता है, तब तक एनआरसी के भवन में रिनोवेशन कार्य करवाते हुए पूरा सेटअप तैयार किया जा रहा है।

इन बीमारियों का होगा इलाज
बच्चों को जन्म-जात होने वाली गंभीर बीमारियों के अलावा कटे फटे होंठ, बहरापन, मंदबुद्धि, हार्ट से संबंधित बीमारियों, जिसमें अधिक गंभीर बीमारी वाले बच्चों को चिन्हित कर अन्य अस्पतालों में भी उपचार किया जाएगा। बड़ी बात यह है कि इसमें पात्रता का कोई बंधन नहीं रखा गया है।

 

सिर्फ बच्चे की उम्र 0 से 18 वर्ष तक रखी गई है, जिससे जिले में बीमारियों से ग्रसित बच्चों को इसका मिलेगा। जानकारी के मुताबिक डीईआईसी में डिफेक्ट, डेफिशियेंसी, डेवलपमेंट तथा डिसीज 4एक्स सिस्टम पर उपचार किया जाएगा। एनएचएम के उप संचालक डॉ. दुर्गेश गौड़ ने टीम के साथ निरीक्षण किया। निरीक्षण में ्रसीएमएचओ डॉ.एके शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. बीबी गुप्ता और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.सोमन दास भी मौजूद थे।

0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का पहले से इलाज होता रहा है, लेकिन अब सभी आवश्यक सुविधा मुहैया होगी। इसके लिए प्रारंभिक तौर पर जिला अस्पताल में स्थित एनआरसी भवन का चयन करते हुए रिनोवेशन कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ नवीन भवन निर्माण के लिए भूमि चिन्हित करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
डॉ. एके शर्मा, सीएमएचओ रायसेन
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