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हाड़ कंपा देने वाली ठंड से ठिठुरा क्षेेत्र, जला रहे अलाव

locationरायसेनPublished: Dec 18, 2019 11:22:53 pm

उत्तरी भारत से आ रही सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है

Chilly regions shivering with cold, burning bonfire

Udaipura For the last three days, the sky has been clouded and the sun has not appeared. Meanwhile, the cold winds coming from northern India have increased chill. Alam is that due to the ongoing cold wave, people are protecting themselves from the cold by burning bonfire in the afternoon. The mercury barely rose to 15 degrees Celsius on the afternoon.

उदयपुरा. विगत तीन दिनों से आसमान में बादलों का डेरा लगा हुआ और सूरज के दर्शन नहीं हुए। इसी बीच उत्तरी भारत से आ रही सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। आलम यह है कि चल रही शीत लहर के कारण दोपहर को लोग अलाव जलाकर सर्दी से बचाव कर रहें हैं। ठीक दोपहर को पारा 15 डिग्री सेल्सियस तक मुश्किल से चढ़ पाया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी दो तीन दिनों तक शीत लहर चलने के कारण फसलों में खासतौर से तुअर की फसल में तुषार पडऩे की आशंका है।
तहसील के नर्मदा तट इलाके जिनमें रमपुरा, रिछावर, पतई, अंडिया, कैलकच्छ, बोरास, उडिय़ा, केतोघान, बैरसला आदि क्षेत्रों में तुअर बोई जाती है, लेकिन यहां तुषार का खतरा बना हुआ है। कृषि विभाग द्वारा फ ोन पर किसानों को पाले से बचने के लिए खेतों की मेड़ों पर धुंआ करने की सलाह दी जा रही है।
वहीं डॉक्टरों के क्लीनिक पर सर्दी जुकाम से पीडि़त शिशुओं की संख्या बढ़ गई हैं। वृद्धजनों को शीतलहर से बचने की सलाह दी गई है। कुल मिलाकर समूचा क्षेत्र शीत लहर की चपेट में है।
ठंड के कारण घर से निकलना हो रहा है मुश्किल
भौडिय़ा. मंगलवार की रात से अधिक सर्दी पढऩे से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। बुधवार को भी सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा और दिन भर ठंडी हवाएं चलती रही। इसके कारण लोग घरों में ही अलाव जलाकर बैठे रहे। कोहरा इतना घना था कि 50 फि ट के बाद नजर ही नहीं आ रहा था। वहीं, थालादिघावन में गत दिनों हुई बारिश एक तरफ तो किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही, वहीं आमजन के लिए परेशानी बन गई।
बुधवार सुबह जब लोग जागे तो घने कोहरे की चादर में लिपटे देखा। सुबह 11 बजे के बाद तक कोहरा छाया रहा और सुबह से 11 बजे तक सूर्य के दर्शन नहीं हुए। दोपहर में सूर्य के दर्शन हुए। पिछले चार दिनों से चल रही शीत लहर का असर बुधवार को भी बरकरार रहा और दिन में भी अलाव का सहारा लेना पड़ा।

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