इस संबंध में डीईओ आलोक खरे का कहना है कि प्रवेश उत्सव के दौरान स्कूल प्रभारी सहित शिक्षकगण विद्यालय में छात्रों का तिलक लगाकर स्वागत कर सकते हैं। छात्रों के स्वागत के लिए रंगोली भी बनाई जा सकती है। मगर समारोह को भव्यता नहीं दी सकेगी, इसमें शोरगुल नहीं होगा और सरकार की योजनाओं का गुणगान भी नहीं किया जा सकेगा। हालांकि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने के साथ ही स्कूलों में साफ-सफाई भी की गई। हालांकि स्कूल भवनों में रंग-रोगन का काम नहीं हो सका।
नए शिक्षा सत्र में एक अप्रैल से तीस अप्रैल तक कक्षाएं जॉय फुल लर्निंग यानि खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाई कराई जाएगी, जिसमें छात्र-छात्राओं को बिना बस्ते के स्कूल जाना होगा। सत्र की शुरूआत के साथ ही बालसभा का आयोजन होगा। डीपीसी विजय नेमा ने बताया कि जिसमें अभिभावकों की सहभागिता भी की जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी आलोक खरे का कहना है कि शुरुआती दौर में ही गर्मी के तीखे तेवर दिखाई दे रहे हैं। इसलिए स्कूलों का समय भी बदला जाएगा। गर्मी के दिनों में सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12.30 तक स्कूल लगाए जाएंगे।
जिले के 2520 सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में एक 1 अप्रैल से शुरू होगा नया शिक्षण सत्र। शहर सहित रायसेन जिले के 2520 मिडिल व प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की जॉय फुल क्लास लगने के साथ ही अप्रैल माह के दौरान शिक्षकों को एडमिशन बढ़ाने का टॉस्क दिया जाएगा।
डीईओ आलोक खरे ने बताया कि सर्वे के दौरान शिक्षकों को मैपिंग करनी होगी कि उनके क्षेत्र में स्कूल में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी है। यह किस स्कूल में जाते हैं और कितने बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी है। ड्रॉप आउट बच्चों की सूची तैयार करने के बाद शिक्षक अभिभावकों के घर पर जाकर नि:शुल्क पुस्तक वितरण, मध्याह्न भोजन, यूनिफ ॉर्म, साइकिल आदि सुविधाओं से जुड़ी जानकारी इन बच्चों के माता-पिता को देंगे। 15 जून तक प्रवेशोत्सव की गतिविधियां संचालित की जाएगी।