scriptप्रवेश उत्सव में आड़े आई आचार संहिता | Code of Conduct in Entry Celebration | Patrika News

प्रवेश उत्सव में आड़े आई आचार संहिता

locationरायसेनPublished: Mar 31, 2019 07:58:11 pm

स्कूल परिसरों में नहीं होंगे आयोजन, सादगी से मनेगा प्रवेश उत्सव, नहीं लग सकेंगे प्रवेश द्वार

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Raisen By forgetting all the tensions of the results of the past year, students come to the temple of education on the first day of the new education session with new armaan and enthusiasm. That’s why new sessions are auspicious for them. With this hope, this day is celebrated as grand celebration every year in a grand manner.

रायसेन. बीते वर्ष के परीक्षा परिणामों के तमाम तनावों को भूलकर नए शिक्षा सत्र के प्रथम दिन शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थी नए अरमान और उत्साह को लेकर आते हैं। इसीलिए नवीन सत्र उनके लिए शुभ हो यही उम्मीद के साथ इस दिन को प्रवेश उत्सव के रूप में भव्य तरीके से हर साल मनाया जाता है। यही नहीं इस शैक्षणिक सत्र के साथ ही एक अप्रैल से सरकारी स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया भी प्रारंभ होगी। वैसे हर वर्ष शिक्षा सत्र के पहले दिन सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव बड़े धूमधाम से बनाया जाता है।
रायसेन. बीते वर्ष के परीक्षा परिणामों के तमाम तनावों को भूलकर नए शिक्षा सत्र के प्रथम दिन शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थी नए अरमान और उत्साह को लेकर आते हैं। इसीलिए नवीन सत्र उनके लिए शुभ हो यही उम्मीद के साथ इस दिन को प्रवेश उत्सव के रूप में भव्य तरीके से हर साल मनाया जाता है। यही नहीं इस शैक्षणिक सत्र के साथ ही एक अप्रैल से सरकारी स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया भी प्रारंभ होगी। वैसे हर वर्ष शिक्षा सत्र के पहले दिन सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव बड़े धूमधाम से बनाया जाता है।
मगर इस वर्ष यह आयोजन फीका नजर आएगा। क्योंकि वर्तमान में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में भव्य तरीके से यह आयोजन सीमित दायरे में होगा। स्कूल प्रबंधनों द्वारा अपने स्तर पर प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। आचार संहिता के चलते समारोह को भव्य नहीं बनाया जा सकता। साथ ही इसमें किसी भी जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों को शामिल नहीं किया जा सके गा।स्कूल में स्वागत द्वार भी नहीं लगाए जा सकेंगे।
आचार संहिता के कारण स्कूल परिसरों में प्रवेश उत्सव सादगी से मनाया जाएगा। जबकि हर वर्ष स्कूल परिसरों को आकर्षक तरीके सजाकर समारोह आयोजित किया जाता था। मगर इस बार आयोजनों की अनुमति नहीं मिलेगी।

ये कार्यक्रम हो सकेंगे
इस संबंध में डीईओ आलोक खरे का कहना है कि प्रवेश उत्सव के दौरान स्कूल प्रभारी सहित शिक्षकगण विद्यालय में छात्रों का तिलक लगाकर स्वागत कर सकते हैं। छात्रों के स्वागत के लिए रंगोली भी बनाई जा सकती है। मगर समारोह को भव्यता नहीं दी सकेगी, इसमें शोरगुल नहीं होगा और सरकार की योजनाओं का गुणगान भी नहीं किया जा सकेगा। हालांकि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने के साथ ही स्कूलों में साफ-सफाई भी की गई। हालांकि स्कूल भवनों में रंग-रोगन का काम नहीं हो सका।
बिना बस्ते के लगेंगी कक्षाएं
नए शिक्षा सत्र में एक अप्रैल से तीस अप्रैल तक कक्षाएं जॉय फुल लर्निंग यानि खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाई कराई जाएगी, जिसमें छात्र-छात्राओं को बिना बस्ते के स्कूल जाना होगा। सत्र की शुरूआत के साथ ही बालसभा का आयोजन होगा। डीपीसी विजय नेमा ने बताया कि जिसमें अभिभावकों की सहभागिता भी की जाएगी।

स्कूल लगने का समय बदलेगा
जिला शिक्षा अधिकारी आलोक खरे का कहना है कि शुरुआती दौर में ही गर्मी के तीखे तेवर दिखाई दे रहे हैं। इसलिए स्कूलों का समय भी बदला जाएगा। गर्मी के दिनों में सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12.30 तक स्कूल लगाए जाएंगे।
प्रवेश बढ़ाने घर-घर सर्वे करेंगे शिक्षक
जिले के 2520 सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में एक 1 अप्रैल से शुरू होगा नया शिक्षण सत्र। शहर सहित रायसेन जिले के 2520 मिडिल व प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की जॉय फुल क्लास लगने के साथ ही अप्रैल माह के दौरान शिक्षकों को एडमिशन बढ़ाने का टॉस्क दिया जाएगा।

शाला त्यागी बच्चों की बनाएं सूची
डीईओ आलोक खरे ने बताया कि सर्वे के दौरान शिक्षकों को मैपिंग करनी होगी कि उनके क्षेत्र में स्कूल में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी है। यह किस स्कूल में जाते हैं और कितने बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी है। ड्रॉप आउट बच्चों की सूची तैयार करने के बाद शिक्षक अभिभावकों के घर पर जाकर नि:शुल्क पुस्तक वितरण, मध्याह्न भोजन, यूनिफ ॉर्म, साइकिल आदि सुविधाओं से जुड़ी जानकारी इन बच्चों के माता-पिता को देंगे। 15 जून तक प्रवेशोत्सव की गतिविधियां संचालित की जाएगी।
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