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ठंड बढ़ी तो जिला अस्पताल में बढऩे लगे मौसमी बीमारियों के मरीज

locationरायसेनPublished: Nov 16, 2018 11:01:14 pm

मौसम के बदलाव का असर अब लोगों की सेहत पर भारी पडऩे लगा है।

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Raisen The impact of the change in the weather has become a big burden on people’s health. Even after the cold weather this season, the outbreak of seasonal diseases has increased. Due to this, the number of patients in the district hospital has increased. Alam is that 12 thousand 451 patients have been given treatment in the OPD of the local district hospital for the last ten days.

रायसेन. मौसम के बदलाव का असर अब लोगों की सेहत पर भारी पडऩे लगा है। जबकि इस समय सर्द मौसम होने के बाद भी मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढऩे लगा है। इस कारण जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। आलम यह है कि पिछले दस दिनों से स्थानीय जिला अस्पताल की ओपीडी में 12 हजार451 मरीज इलाज कराने पहुंच चुके हैं। इस तरह देखा जाए तो प्रतिदिन 1000 से 1200मरीजों की दस्तक अस्पताल में दर्ज हो रही है। इनमें सर्दी-जुकाम, बुखार, बदन दर्द, मलेरिया डेंगू, जापानी बुखार से पीडि़तों की संख्या ज्यादा है।
मौसम में आई ठंडक का असर अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के प्रकोप के रूप मे देखा जा रहा है। डॉक्टर मरीजों को इन मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय की सलाह भी दे रहे हैं।
ठंड से हार्ट, श्वांस संबंधी मरीजों के अलावा एलर्जी की समस्या अधिक सामने आ रही। बच्चों व बड़ों में श्वांस लेेने में तकलीफ, निमोनिया का संक्रमण, मच्छर जनित बीमारियां मलेरिया, डेंगू, जापानी बुखार आदि बीमारियां अभी से परेशान करने लगी हैं।
इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बीबी गुप्ता बताते हैं कि डॉक्टर भी ऐेसी बीमारियों से पीडि़त मरीजों का उपचार प्राथमिकता से कर रहे हैं। लैब सहायक के अनुसार मलेरिया बीमारी की जांच करने के दौरान प्रतिदिन 10 से 12 रिपोर्ट मलेरिया पॉजीटिव आने लगी है। महीनेभर में एक जांच स्लाइड का आंकड़ा 300 से 360के करीब हो रहा है।
खान पान का रखें विशेष ध्यान…
मौसम परिवर्तन के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने लगती है। इससे मौसमी बीमारियों का असर रहता है। इससे बचने के लिए ठंडे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए और लोगों को खान पान पर भी अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए। ठंड के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहता है। इनसे बचने के लिए सावधानी जरूरी है। ठंड मे सर्दी, बच्चों व बड़ों में निमोनिया जुकाम, वायरल बुखार अन्य बीमारियों के होने का हरदम खतरा बना रहता है। ऐसे में ऊनी व गर्म कपड़ों का उपयोग करना चाहिए।
इस संबंध में अस्पताल के आरएमओ डॉ. यशपाल सिंह बाल्यान, मेडिकल ऑफीसर डॉ. एमएल अहिरवार, डॉ. अनिल ओड़ ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण अस्पताल में सर्दी खासी जुकाम के मरीज अधिक आ रहे हैं। इन मरीजों का इलाज प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है।
53 मरीजों की लंबी लाइन
बुखार सहित मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की दस्तक सुबह से ही अस्पताल परिसर में हो रही है। सुबह से लेकर दोपहर और शाम तक भी मरीजों के आने का सिलसिला चलता है। पिछले आठ-दस दिनों से ओपीडी में सुबह के समय खासी भीड़ देखी जा रही है। भीड़ ज्यादा होने से ओपीडी के सामने पर्चा बनवाने वाले काउंटर पर लंबी कतार देखी जाती है। ज्यादा लंबी लाइन होने से बुजुर्ग और महिलाओं को खासी दिक्कतें होती है, क्योंकि ओपीडी में बुजुर्ग और महिला मरीजों के बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी भी उपलब्ध नहीं है।
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