69 वें वार्षिकोत्सव में लगभग 40 हजार लोग पहुंचे। देश के कई प्रांतों से आए बौद्ध भिक्षुओं सहित पर्यटकों ने भगवान बुद्ध के शिष्यों सारिपुत्र और महामोगल्यान के अस्थिकलशों के दर्शन किए, भगवान बुद्ध के दर्शन कर शांति का संदेश लिया।
सांची महोत्सव में बिखर रहा संस्कृति की रंग, देश-विदेश से पहुंचे हजारों पर्यटक, देखें झलक
रायसेन/सांची. सांची महोत्सव में हर दिन भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है, देशभर से आए कलाकार एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर पर्यटकों का मन मोह रहे हैं। भगवान बुद्ध की नगरी सांची में रविवार को दो साल बाद एक बार फिर आस्था और भक्ति का का मेल हुआ। 69 वें वार्षिकोत्सव में लगभग 40 हजार लोग पहुंचे। देश के कई प्रांतों से आए बौद्ध भिक्षुओं सहित पर्यटकों ने भगवान बुद्ध के शिष्यों सारिपुत्र और महामोगल्यान के अस्थिकलशों के दर्शन किए, भगवान बुद्ध के दर्शन कर शांति का संदेश लिया। सुबह 08 बजे श्रीलंका महाबोधी सोसायटी के बानगल विमलतिस्स तथा उनके शिष्यों द्वारा अस्थियों की पूजा कर प्रदर्शन के लिए रखा गया। इन पवित्र अस्थियों को तलघर से लाते समय जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने स्तूप परिसर स्थित मंदिर पहुंचकर भगवान अस्थि कलशों की पूजन कर भगवान बुद्ध के दर्शन किए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराधा शंकर ङ्क्षसह ने भी पूजन, दर्शन किए। इस अवसर पर कलेक्टर अरविन्द कुमार दुबे, एएसपी अमृत मीणा, एसडीएम एलके खरे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
रविवार को सुबह सात बजे से ही पर्यटकों का आना शुरू हो गया था। दस बजे से स्तूप रोड पर लोगों की भीड़ बढ़ी और कतारें लगना शुरू हो गया था। दोपहर 12 बजे से हाइवे पर भीड़ और वाहनों की संख्या बढऩे से जाम लगना शुरू हो गया था। आवागमन को बनाए रखने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करना पड़ा। हालांकि इस बार मेला की कुछ परंपराएं टूटीं, लेकिन लोगों का उत्साह चरम पर था। श्रीलंका के बौद्ध भिक्षुओं के अलावा दिल्ली, अरुणाचल, सिक्किम, महाराष्ट्र आदि प्रंतों से भी बड़ी संख्या में लोग सांची पहुंचे। वहीं भीड़ का फायदा उठाने कई चोर भी पहुंचे थे। जो लोगों के जेबों सहित दुकानों पर हाथ साफ कर रहे थे। पुलिस ने एक दुकान पर चोरी का प्रयास करते हुए दो चोरों को पकड़ा। इसके अलावा कुछ लोगों के जेब भी कटे।
शानदार प्रस्तुति दूसरे दिन 28 नवंबर 2021 को भोपाल की आकृति मेहरा और साथी द्वारा भक्ति संगीत, जातक कथा एकाग्र नृत्य-नाट्य जस संगत-तस रंगत भोपाल के अभिषेक गर्ग और साथियों द्वारा एवं नृत्य-नाट्य ओडिसी एवं छाऊ शैली में यशोधरा की प्रस्तुति भुवनेश्वर के अशोक कुमार घोसाल एवं साथियों द्वारा दी गई। कार्यक्रम के दौरान जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी निदेशक द्वारा सभी कलाकारोंं का स्वागत किया गया।