उनकी अनदेखी के कारण ही निर्माण एजेंसी मनमानी करने पर उतारू हो रही है। सीसी सड़क में नॉनटेग सीमेंट न लगाकर लोकल सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि सीसी सड़क में सीमेंट, गिट्टी, रेत में तय मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। खास बात तो ये है कि बिना इंजीनियरों की देखरेख में कार्य किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक आमापानी कॉलोनी से बजरंग चौराहा तक दो किमी लंबी नाली व सड़क निर्माण लगभग 14 करोड़ रुपए की राशि से किया जा रहा है। एमपीआरडीसी द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य में निर्माण एजेंसी गुणवत्ता को ताक पर रखकर कार्य कर रही है।
हाल ये है कि अभी से घटिया निर्माण के चलते नालियां भी क्षतिग्रस्त होने लगी है। निर्माण एजेंसी द्वारा जब निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, तभी निर्माण कार्य में अनियमितताओं के आरोप लगने लगे थे। आरोपों के बाद विभागीय दल द्वारा निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे निर्माण एजेंसी मनमानी कर रही है। उल्लेखनीय है कि करीब 4 साल पूर्व आमापानी कॉलोनी से बजरंग चौराहा तक फोरलेन सड़क निर्माण की स्वीकृति तत्कालीन लोनिवि मंत्री रामपाल सिंह राजपूत द्वारा की गई थी। मगर चार साल बीतने के बाद भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। सड़क चौड़ीकरण के साथ ही रास्ते के नदी नलों पर पुल-पुलियों का निर्माण भी किया जाना है, लेकिन निर्माण एजेंसी की अधिकारियों के साथ सांठगांठ होने से निर्माण कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पा रहा है। साथ ही निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग होने से निर्माण कार्य के टिकाऊ होने की संभावना भी खत्म होती जा रही है, नागरिकों ने घटिया निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग की है।
आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। निर्माण की जांच कराई जाएगी। खामियां पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
-मोहम्मद हसीब खान रिजवी, जीएम एमपीआरडीसी