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सांची  स्तूप पर चढ़ा विक्षिप्त

locationरायसेनPublished: Sep 05, 2018 10:27:39 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

विश्व धरोहर की सुरक्षा पर उठे सवाल, देर रात तक उतारने के प्रयास करती रही पुलिस।

patrik news

विश्व धरोहर की सुरक्षा पर उठे सवाल, देर रात तक उतारने के प्रयास करती रही पुलिस।

रायसेन/सांची. विश्व धरोहर की सुरक्षा में अनदेखी और जिम्मेदारों की लापरवाही को उजागर करते हुए एक मानसिक विकलांग युवक बुधवार देर शाम सांची के प्रमुख स्तूप क्रमांक एक की गुंबद पर चढ़ गया। उसे स्तूप पर चढ़ा देख पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की सांसें थम गईं। युवक को उतारने का प्रयास करते हुए पुलिस को बुलाया गया, लेकिन देर रात तक युवक स्तूप पर ही मौजूद थे। वह मोदी से मिलने की बात कह रहा था। इस दौरान स्तूप पहाड़ी पर बिजली नहीं होने से विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और पुलिस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई बार युवक सामने आया तो कई बार गायब हो गया। स्तूप की गुंबद पर लगभग ३४ गुणा ३४ वर्ग फीट की जगह है। जिस पर बीच में जाने पर नीचे से दिखाई नहीं देता है। इसी का फायदा उठाकर उक्त युवक सभी को चकमा दे रहा था। रात साढ़े नौ बजे तक वह स्तूप पर ही मौजूद था और पुलिस उसे उतारने के प्रयास कर रही थी।

सुरक्षा पर सवाल
विश्व धरोहर और विश्व प्रसिद्ध स्तूप पहाड़ी पर कड़ी सुरक्षा के बीच एक युवक कैसे स्तूुप पर चढ़ा यह बड़ा सवाल है। जबकि स्तूप की सुरक्षा के लिए पुरातत्व विभाग के लगभग दस गार्ड और पांच पुलिस के जवान हमेशा तैनात रहते हैं। बताया जा रहा है कि स्तूप पर चढऩे से पहले युवक ने दो गार्डों के हाथ में काटा था। शाम को स्तूप बंद होने के बाद युवक के डपर चढऩे की जानकारी विभाग के अधिकारियों को मिली।
बिना टिकट कैसे पहुंचा
यह भी एक सवाल है कि स्तूप पहाड़ी पर चढऩे के लिए लोगों को पहले टिकट खरीदना पड़ता है। जिसकी मुख्य प्रवेश द्वार पर जांच के बाद ही पहाड़ी पर जा सकते हैं। पूरी पहाड़ी चारों ओर से सुरक्षा दायरे में है, ऐसे में एक विक्षिप्त युवक कैसे मुख्य स्तूप तक पहुंचा और यदि वह विक्षिप्त नहीं है तो टिकट लेकर गया होगा।

पहली बार हुआ ऐसा
स्तूप पहाड़ी पर तमाम अव्यवस्थाओं की बात तो कई बार सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस तरह स्तूप पर किसी के चढऩे की घटना पहली बार ही सामने आई है। जो इस विश्व प्रसिद्ध स्थान की सुरक्षा को लेकर संदेह पैदा करता है। यह भी खास बात है कि स्तूप पर कई विदेशी और देशी पर्यटक आते हैं। ऐसे में पर्यटकों की जान माल को भी खतरा पैदा होता है।

नहीं थी बिजली
इस घटना के बाद यह बात भी सामने आई कि स्तूप पर बिजली नहीं है। शहर से बिजली सप्लाई चालू होने के बाद भी पहाड़ी पर करंट नहीं पहुंच रहा है। बीच में कहां खराबी हुई इसका पता नहीं चल सका। किसी तरह बिजली की व्यवस्था कर साढ़े आठ बजे केवल मुख्य स्तूप पर उजाला किया गया।
गद्दे लेकर पहुंचे
युवक को स्तूप से उतारने के प्रयासों के बीच पुलिस ने गद्दों का इंतजाम किया। जिन्हे स्तूप के चारों ओर बिछाया गया। ताकि यदि युवक कूदने का प्रयास करे तो घायल न हो।

मोबाइल था पास
युवक के पास मोबाइल भी था। वह कई बार स्तूप की बाउंड्री पर आया तक उसके हाथ में मोबाइल दिखाई दिया। मोबाइल की लाइट जलाकर वह खुद स्थिति देख रहा था। कई बार ऐसा भी लगा कि उक्त युवक पागल नहीं बल्कि जानबूझकर चढ़ा है।

पुलिस ने छोड़ा मोर्चा
शाम से रात लगभग नौ बजे तक प्रयासों के बाद पुलिस भी स्तूप पहाड़ी से चली गई। चूंकि स्तूप पुरातत्व विभाग के आधीन है, जिस पर स्थानीय पुलिस का कोई विशेष अधिकार नहीं रहता है। ऐसे में सांची की पुलिस ने अतिरिक्त प्रयास नहीं किए।
शाम के समय एक विक्षिप्त सा दिखने वाला युवक अचानक स्तूप क्रमांक एक की चोटी पर चढ़ गया। वो कहां से आया, यह पता नहीं चला, उसे रोकने का प्रयास किया तो तीन सुरक्षा कर्मियों को काट लिया। उसे उतारने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसके वर्मा, स्तूप प्रभारी

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