रविवार सुबह बीदपुरा तहसील निवासी 45 वर्षीय मरीज की डेंगू जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह 104वां मरीज है। यह संख्या पिछले साल से तीन गुना ज्यादा है। जिला मलेरिया विभाग के हेड क्लर्क अवधन नारायण सिंगरौली के मुताबिक सर्वाधिक मरीज औबेदुल्लागंज ब्लॉक में 78 हैं। इनमें से 70 तो मंडीदीप में ही मिले हैं। दरअसल, यहां पानी की सप्लाई कहीं एक दिन तो कहीं दो दिन छोड़कर की जा रही है। ऐसे में लोग घर में पानी जमा करके रखते हैं। इस साफ पानी में लार्वा पनपने की आशंका है।
मंडीदीप अस्पताल प्रभारी डॉ. डीएस मैना के मुताबिक मंडीदीप में घनी आबादी होने के कारण सफाई की कमी है। मच्छरों का लार्वा भी तेजी से पनप रहा है। जिले का स्वास्थ्य अमला पूरी तरह सक्रिय है। आशा कार्यकर्ता, ऊषा व स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा सर्वे कर लार्वा नष्ट कराया जा रहा है। अस्पताल में डेंगू पीडि़तों के इलाज की भी व्यवस्था है। मंडीदीप में सर्वाधिक मरीज मिलने पर डॉ. मैना कोई जवाब नहीं दे पाए।
सांची- 11
गौरतगंज- 04
बेगमगंज- 01
सिलवानी- 02
उदयपुरा- 02
बरेली- 06
औबेदुल्लागंज- 78
डेंगू से बचाव के तरीके : How to safe yourself from Dengue …
डॉ. यशपाल बाल्यान के अनुसार डेंगू से बचाव के लिए सबसे पहले घर में और आसपास कई दिनों से जमा पानी को हटाएं। डेंगू का लार्वा सबसे ज्यादा घरों में रखे कूलर, गमले सहित अन्य स्थानों पर रुके साफ पानी में होने की संभावना ज्यादा रहती है। वहीं ज्यादा दिन और तेज बुखार आने पर तुरंत डॉक्टरों से सम्पर्क करना चाहिए।
डेंगू में कुछ एक्सपर्ट 20 के फॉर्मूले की बात करते हैं। अगर धड़कन यानी पल्स रेट 20 बढ़ जाए, ऊपर का ब्लड प्रेशर 20 कम हो जाए, ऊपर और नीचे के ब्लड प्रेशर का फर्क 20 से कम हो जाए, प्लैटलेट्स 20 हजार से कम रह जाएं, शरीर के एक इंच एरिया में 20 से ज्यादा दाने पड़ जाएं – इस तरह का कोई भी लक्षण नजर आए तो मरीज को अस्पताल में जरूर भर्ती करना चाहिए।
आमतौर पर तंदुरुस्त आदमी के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स बॉडी की ब्लीडिंग रोकने का काम करती हैं। अगर प्लेटलेट्स एक लाख से कम हो जाएं तो उसकी वजह डेंगू हो सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो, उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही जाएं।
चाइल्ड स्पेशिलिस्ट डॉ. इंदू के अनुसार बच्चों का इम्युन सिस्टम ज्यादा कमजोर होता है और वे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए उनके प्रति सचेत होने की ज्यादा जरूरत है।
डेंगू होने पर किसी अच्छे फिजिशियन के पास जाना चाहिए। बच्चों में डेंगू के लक्षण नजर आएं तो उसे पीडिअट्रिशन के पास ले जाएं।
– अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज व देखभाल घर पर की जा सकती है।
– डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल (क्रोसिन आदि) ले सकते हैं।
– एस्प्रिन (डिस्प्रिन आदि) बिल्कुल न लें। इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं।
– अगर बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें।
– सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें। बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा खाने की जरूरत होती है।
– मरीज को आराम करने दें।
आयुर्वेद के डाक्टर राजकुमार के अनुसार आयुर्वेद में डेंगू की कोई पेटेंट दवा नहीं है। लेकिन डेंगू न हो, इसके लिए यह नुस्खा अपना सकते हैं। एक कप पानी में एक चम्मच गिलोय का रस (अगर इसकी डंडी मिलती है तो चार इंच की डंडी लें। उस बेल से लें, जो नीम के पेड़ पर चढ़ी हो), दो काली मिर्च, तुलसी के पांच पत्ते और अदरक को मिलाकर पानी में उबालकर काढ़ा बनाए और 5 दिन तक लें। अगर चाहे तो इसमें थोड़ा-सा नमक और चीनी भी मिला सकते हैं। दिन में दो बार, सुबह नाश्ते के बाद और रात में डिनर से पहले लें।
इसकी दवाई लक्षण देखकर और प्लेटलेट्स का ब्लड टेस्ट कराने के बाद ही दी जाती है। लेकिन किसी भी तरह के डेंगू में मरीज के शरीर में पानी की कमी नहीं आने देनी चाहिए। उसे खूब पानी और बाकी तरल पदार्थ (नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि) पिलाएं ताकि ब्लड गाढ़ा न हो और जमे नहीं। साथ ही, मरीज को पूरा आराम करना चाहिए। आराम भी डेंगू की दवा ही है।
– ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं।
– खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा-से-ज्यादा इस्तेमाल करें।
– इस मौसम में पत्ते वाली सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं।
– हल्का खाना खाएं, जो आसानी से पच सके।
– पूरी नींद लें, खूब पानी पीएं और पानी को उबालकर पीएं।
– मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं, पेट भर न खाएं।
– खूब पानी पीएं। छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि खूब पिएं।
– जहां तक हो सके पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, ताकि मच्छर आपको नहीं काट सकें।
– बीमारी से बचने के लिए फिजिकली फिट, मेंटली स्ट्रॉन्ग और इमोशनली बैलेंस रहें।
– अच्छा खाएं, अच्छा पीएं और अच्छी नींद ले।
– नाक के अंदर की तरफ सरसों का तेल लगाकर रखें। इससे तेल की चिकनाहट बाहर से बैक्टीरिया को नाक के अंदर जाने से रोकती है।
– आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें, जब वह आधा रह जाए तब उस पानी को पीएं।
– विटामिन-सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें जैसे : एक दिन में दो आंवले, संतरे या मौसमी ले सकते हैं। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।
डेंगू: ऐसे बचें… डेंगू से बचने के दो ही उपाय हैं। एडीज मच्छरों को पैदा होने से रोकना। एडीज मच्छरों के काटने से बचाव करना। इन मच्छरों को पैदा होने से रोकने के ये हैं उपाय…
– घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें।