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MP में यहां डेंगू के 104 मरीज में 20 नए, मलेरिया के 1720, फेल्सीफेरम के 19 मरीज मिले

locationरायसेनPublished: Nov 18, 2019 04:59:01 pm

खाली पड़े प्लॉटों में पानी, कचरा, गंदगी में पनप रहा मच्छरों के लार्वा…

MP में यहां डेंगू के 104 नए मरीज, मलेरिया के 1720, फेल्सीफेरम के 19 मरीज मिले

MP में यहां डेंगू के 104 नए मरीज, मलेरिया के 1720, फेल्सीफेरम के 19 मरीज मिले

रायसेन। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायसेन जिले में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 84 से बढ़कर रविवार शाम एक सौ चार पहुंच गया। इनमें एक डेंगू पीडि़त शीतल यादव पति बबलू यादव निवासी वार्ड 3 की मौत भी हो चुकी है। जिला अस्पताल की मलेरिया स्लाइड विंग में जांच के बाद डेढ़ महीने में 1720 मलेरिया के रोगी मिले हैं।

फेल्सीफेरम केे 19 मरीज मिल चुके हैं। बढ़ते मरीजों को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग, मलेरिया विभाग, नगरीय निकायों के अधिकारी चिता में पड़ गए हैं। इसके बावजूद बीमारियों से निपटने के लिए इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
वहीं पूर्व में मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने एक बयान देते हुए कहा था कि लोगों को जागरूक करने में हम रहे असफल रहे, फिर भी अब प्रयास जारी रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ होगी वन टू वन चर्चा की बात भी कही थी। इस चर्चा के होने के बाद भी अब तक डेंगू पर शिकंजा कसता हुआ नहीं दिख रहा है।
एक और डेंगू पॉजिटिव…
रविवार सुबह बीदपुरा तहसील निवासी 45 वर्षीय मरीज की डेंगू जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह 104वां मरीज है। यह संख्या पिछले साल से तीन गुना ज्यादा है।

जिला मलेरिया विभाग के हेड क्लर्क अवधन नारायण सिंगरौली के मुताबिक सर्वाधिक मरीज औबेदुल्लागंज ब्लॉक में 78 हैं। इनमें से 70 तो मंडीदीप में ही मिले हैं। दरअसल, यहां पानी की सप्लाई कहीं एक दिन तो कहीं दो दिन छोड़कर की जा रही है। ऐसे में लोग घर में पानी जमा करके रखते हैं। इस साफ पानी में लार्वा पनपने की आशंका है।
अधिक बारिश हुई: मंडीदीप नगर पालिका सीएमओ केएल सुमन का कहना है कि हमने अधिकारियों को यही बताया है कि अधिक बारिश होने से खाली प्लॉटों में पानी भरा हुआ है। इसके चलते लार्वा पनपने से डेंगू के मच्छर पैदा हो रहे हैं। फ ॉगिंग कराई जा रही है। लार्वा नष्ट कराने के लिए प्लॉटों में ऑइल भी डलवाया जा रहा है।
20 प्लॉट मालिकों पर जुर्माना: सूत्रों के अनुसार खाली पड़े प्लॉट के मालिकों व पड़ोसियों द्वारा कूड़ा कचरा गंदगी फेंकने वाले 17 लोगों सहित तीन दुकानदारों पर 100 से लेकर 500 रुपए का जुर्माना नगर पालिका परिषद ने वसूला है।
गैरतगंज बेगमगंज, सिलवानी, उदयपुरा सहित बाड़ी के 15 डेंगू मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हैं। रायसेन शहर में दो फॉङ्क्षगग मशीनों से 14-15 बार छिड़काव कराया जा चुका है। अस्पताल में 12 मरीज इलाज करवा रहे हैं, उनके लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड नहीं है। ऐसे में सामान्य मरीजों पर डेंगू के वायरस का इंफेक्शन का हरदम खतरा बना रहता है।
MP में यहां डेंगू के 104 नए मरीज, मलेरिया के 1720, फेल्सीफेरम के 19 मरीज मिले
लोग घरों में पानी करते हैं संग्रह : जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. प्रियंवदा गुप्ता के अनुसार मंडीदीप में बाहर के लोग भी बड़ी संख्या में आते-जाते रहते हैं। नगर में पानी की समस्या होने के कारण रहवासी अपने घरों में अधिक पानी जमा करके रखते हैं। इसके कारण घरों में जमा साफ पानी में डेंगू मच्छर का लार्वा पनपता रहता है।
सफाई की कमी है: अस्पताल प्रभारी
मंडीदीप अस्पताल प्रभारी डॉ. डीएस मैना के मुताबिक मंडीदीप में घनी आबादी होने के कारण सफाई की कमी है। मच्छरों का लार्वा भी तेजी से पनप रहा है। जिले का स्वास्थ्य अमला पूरी तरह सक्रिय है। आशा कार्यकर्ता, ऊषा व स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा सर्वे कर लार्वा नष्ट कराया जा रहा है। अस्पताल में डेंगू पीडि़तों के इलाज की भी व्यवस्था है। मंडीदीप में सर्वाधिक मरीज मिलने पर डॉ. मैना कोई जवाब नहीं दे पाए।
जिले में डेंगू के मरीज…
सांची- 11
गौरतगंज- 04
बेगमगंज- 01
सिलवानी- 02
उदयपुरा- 02
बरेली- 06
औबेदुल्लागंज- 78


डेंगू से बचाव के तरीके : How to safe yourself from Dengue …
डॉ. यशपाल बाल्यान के अनुसार डेंगू से बचाव के लिए सबसे पहले घर में और आसपास कई दिनों से जमा पानी को हटाएं। डेंगू का लार्वा सबसे ज्यादा घरों में रखे कूलर, गमले सहित अन्य स्थानों पर रुके साफ पानी में होने की संभावना ज्यादा रहती है। वहीं ज्यादा दिन और तेज बुखार आने पर तुरंत डॉक्टरों से सम्पर्क करना चाहिए।
ऐसे करें बचाव: 20 का खास फॉर्मूला…
डेंगू में कुछ एक्सपर्ट 20 के फॉर्मूले की बात करते हैं। अगर धड़कन यानी पल्स रेट 20 बढ़ जाए, ऊपर का ब्लड प्रेशर 20 कम हो जाए, ऊपर और नीचे के ब्लड प्रेशर का फर्क 20 से कम हो जाए, प्लैटलेट्स 20 हजार से कम रह जाएं, शरीर के एक इंच एरिया में 20 से ज्यादा दाने पड़ जाएं – इस तरह का कोई भी लक्षण नजर आए तो मरीज को अस्पताल में जरूर भर्ती करना चाहिए।
डेंगू और प्लेटलेट्स…
आमतौर पर तंदुरुस्त आदमी के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स बॉडी की ब्लीडिंग रोकने का काम करती हैं। अगर प्लेटलेट्स एक लाख से कम हो जाएं तो उसकी वजह डेंगू हो सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो, उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही जाएं।
प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को फौरन हॉस्पिटल में भर्ती कराना चाहिए। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। 40-50 हजार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती।
डेंगू का वायरस आमतौर पर प्लेटलेट्स कम कर देता है, जिससे बॉडी में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। अगर प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैं, मसलन सुबह एक लाख थे और दोपहर तक 50-60 हजार हो गए तो शाम तक गिरकर 20 हजार पर पहुंच सकते हैं।
ऐसे में डॉक्टर प्लेटलेट्स का इंतजाम करने लगते हैं ताकि जरूरत पड़ते ही मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाए जा सकें। प्लेटलेट्स निकालने में तीन-चार घंटे लगते हैं।

खतरा ज्यादा बच्चों को…
चाइल्ड स्पेशिलिस्ट डॉ. इंदू के अनुसार बच्चों का इम्युन सिस्टम ज्यादा कमजोर होता है और वे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए उनके प्रति सचेत होने की ज्यादा जरूरत है।
पैरंट्स ध्यान दें कि बच्चे घर से बाहर पूरे कपड़े पहनकर जाएं। जहां खेलते हों, वहां आसपास गंदा पानी न जमा हो।

वहीं स्कूल प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि स्कूलों में मच्छर न पनप पाएं। बहुत छोटे बच्चे खुलकर बीमारी के बारे में बता भी नहीं पाते इसलिए अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
बच्चों को डेंगू हो तो उन्हें अस्पताल में रखकर ही इलाज कराना चाहिए, क्योंकि बच्चों में प्लेटलेट्स जल्दी गिरते हैं और उनमें डीहाइड्रेशन (पानी की कमी) भी जल्दी होता है।

डॉक्टर को दिखाएं
डेंगू होने पर किसी अच्छे फिजिशियन के पास जाना चाहिए। बच्चों में डेंगू के लक्षण नजर आएं तो उसे पीडिअट्रिशन के पास ले जाएं।
ये है इलाज : Treatment …
– अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज व देखभाल घर पर की जा सकती है।
– डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल (क्रोसिन आदि) ले सकते हैं।
– एस्प्रिन (डिस्प्रिन आदि) बिल्कुल न लें। इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं।
– अगर बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें।
– सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें। बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा खाने की जरूरत होती है।
– मरीज को आराम करने दें।
मरीज में यदि DSS या DHF का एक भी लक्षण दिखाई दे तो उसे जल्दी-से-जल्दी डॉक्टर के पास ले जाएं। DSS और DHF बुखार में प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं, जिससे शरीर के जरूरी हिस्से प्रभावित हो सकते हैं।
डेंगू बुखार के हर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती, सिर्फ डेंगू हैमरेजिक और डेंगू शॉक सिंड्रोम बुखार में ही जरूरत पड़ने पर प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती हैं। अगर सही समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो DSS और DHF का पूरा इलाज मुमकिन है।
डेंगू Dengue: आयुर्वेद में इलाज…
आयुर्वेद के डाक्टर राजकुमार के अनुसार आयुर्वेद में डेंगू की कोई पेटेंट दवा नहीं है। लेकिन डेंगू न हो, इसके लिए यह नुस्खा अपना सकते हैं।

एक कप पानी में एक चम्मच गिलोय का रस (अगर इसकी डंडी मिलती है तो चार इंच की डंडी लें। उस बेल से लें, जो नीम के पेड़ पर चढ़ी हो), दो काली मिर्च, तुलसी के पांच पत्ते और अदरक को मिलाकर पानी में उबालकर काढ़ा बनाए और 5 दिन तक लें। अगर चाहे तो इसमें थोड़ा-सा नमक और चीनी भी मिला सकते हैं। दिन में दो बार, सुबह नाश्ते के बाद और रात में डिनर से पहले लें।
डेंगू Dengue: एलोपैथी में इलाज…
इसकी दवाई लक्षण देखकर और प्लेटलेट्स का ब्लड टेस्ट कराने के बाद ही दी जाती है। लेकिन किसी भी तरह के डेंगू में मरीज के शरीर में पानी की कमी नहीं आने देनी चाहिए। उसे खूब पानी और बाकी तरल पदार्थ (नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि) पिलाएं ताकि ब्लड गाढ़ा न हो और जमे नहीं। साथ ही, मरीज को पूरा आराम करना चाहिए। आराम भी डेंगू की दवा ही है।
ये बरतें एहतियात: Take these precautions …
– ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं।
– खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा-से-ज्यादा इस्तेमाल करें।
– इस मौसम में पत्ते वाली सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं।
– हल्का खाना खाएं, जो आसानी से पच सके।
– पूरी नींद लें, खूब पानी पीएं और पानी को उबालकर पीएं।
– मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं, पेट भर न खाएं।
– खूब पानी पीएं। छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि खूब पिएं।
ये हैं बचाव के तरीके…
– जहां तक हो सके पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, ताकि मच्छर आपको नहीं काट सकें।
– बीमारी से बचने के लिए फिजिकली फिट, मेंटली स्ट्रॉन्ग और इमोशनली बैलेंस रहें।
– अच्छा खाएं, अच्छा पीएं और अच्छी नींद ले।
– नाक के अंदर की तरफ सरसों का तेल लगाकर रखें। इससे तेल की चिकनाहट बाहर से बैक्टीरिया को नाक के अंदर जाने से रोकती है।
– खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें। सुबह आधा चम्मच हल्दी पानी के साथ या रात को आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध या के साथ लें। लेकिन अगर आपको -नजला, जुकाम या कफ आदि है तो दूध न लें। तब आप हल्दी को पानी के साथ ले सकते हैं।
– आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें, जब वह आधा रह जाए तब उस पानी को पीएं।
– विटामिन-सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें जैसे : एक दिन में दो आंवले, संतरे या मौसमी ले सकते हैं। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।

डेंगू: ऐसे बचें…

डेंगू से बचने के दो ही उपाय हैं। एडीज मच्छरों को पैदा होने से रोकना। एडीज मच्छरों के काटने से बचाव करना।

इन मच्छरों को पैदा होने से रोकने के ये हैं उपाय…
– घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें।
– अगर पानी जमा होेने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें।

– रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें। घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उलटा करके रखें।
– डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।

– अगर मुमकिन हो तो खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें।
– मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि इस्तेमाल करें। गुग्गुल के धुएं से मच्छर भगाना अच्छा देसी उपाय है।

– घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवा का छिड़काव जरूर करें। यह दवाई फोटो-फ्रेम्स, पर्दों, कैलेंडरों आदि के पीछे और घर के स्टोर-रूम और सभी कोनों में जरूर छिड़कें। दवाई छिड़कते वक्त अपने मुंह और नाक पर कोई कपड़ा जरूर बांधें।
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