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रायसेन में पल रहीं थी खतरनाक मछली

locationरायसेनPublished: Dec 22, 2016 11:51:00 pm

Submitted by:

Ram kailash napit

 30 हजार मछली मारने की कार्रवाई

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रायसेन. जिला मुख्यालय के वार्ड क्रमांक 18 स्थित खैराबाद में सरकारी भूमि पर बड़े पैमाने सरकार द्वारा प्रतिबंधित मांगुर मछली का पालन और उत्पादन किया जा रहा था। सालों से चल रहे इस अवैध कारोबार की जानकारी मिलने पर गुरुवार को मत्स्य विभाग ने लगभग 30 हजार मांगुर मछली मारने की कार्रवाई की। उल्लेखनीय है कि शहर के बीच प्रतिबंधित मछली के सरकारी जमीन पर अवैध पालन केंद्र की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं थी। मीडिया से जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर उक्त कार्रवाई की गई। मत्स्य विभाग की सहायक संचालक ज्योति टोप्पो के निर्देशन में विभाग की टीम ने मांगुर मछली पालन करने वाले शकील, वाहिद मोहम्मद, रईस को प्रतिबंधित मछली का पालन नहीं करने की चेतावनी दी।

सरकारी भूमि पर अवैध कारोबार
शहर के वार्ड क्रमांक 18 खैराबाद में सरकारी भूमि पर प्रतिबंधित मांगुर मछली का पालन काफी लंबे अरसे से किया जा रहा था। सवाल उठना लाजमी है कि जिला मुख्यालय के पास ही सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किए जाने के बाद इस तरह कार्य को अंजाम तक पहुंचाया जा रहा था। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। वहीं विश्वनीय सूत्रों की माने तो सतकुण्डा, नबावपुर, चिकलोद, बनछोड के आसपास भी बड़े पैमाने पर मांगुर मछली का पालन किया जा रहा है।

इसलिए है इस मछली पर प्रतिबंध
थाईलैड में विकसीत की गई मांगुर मछली पूरी तरह मांसाहरी होती है। यह मछली पर्यावरण के साथ शरीर के लिए भी खतरा होती है, जो अपने आस-पास के हर जीव जंतु को खा जाती है। यहां तक कि भूखी होने पर अपनी ही प्रजाति की छोटी मछली को खा जाती है। सरकार द्वारा वर्ष 2000 में इस मछली के पालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। यह मछली मांसाहारी होने के साथ साथ कम समय में अच्छी ग्रोथ करती है और यह कारोबार अधिक मुनाफा का होने की वजह से कई लोग इसमें शामिल भी हो गए।

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