scriptकार्तिक पूर्णमासी पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी | Devotees dip faith in Narmada on Kartik Purnamasi | Patrika News

कार्तिक पूर्णमासी पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी

locationरायसेनPublished: Nov 13, 2019 12:25:38 am

बौरास घाट पर लगा मेला, पूरा तट भक्तिमय वातावरण और नर्मदे हर के जयकारों से गूंज उठा

Devotees dip faith in Narmada on Kartik Purnamasi

Udaipura According to the tradition that has been going on for years, a fair is held on the full moon day of Jatra on the Narmada coast in Bouras. On the Kartik Purnima festival on Tuesday, thousands of devotees donated bath in the same way and reached Boras Ghat and took a dip of faith with full devotion. Many devotees coming from outside, including people of Vidisha district, had reached the fair at night.

उदयपुरा. वर्षों से जारी परंपरा के अनुसार बौरास स्थित नर्मदा तट पर जत्रा की पूर्णिमा को मेला भरता है। मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर भी वैसे ही स्नान दान करने हजारों श्रृद्घालुओं ने बोरास घाट पहुंच कर पूरी श्रद्धा भक्ति से आस्था की डुबकी लगाई। बाहर से जिनमें विदिशा जिले के लोग शामिल थे वहां से आने वाले कई श्रृद्घालु तो मेला में रात्रि में पहुंच चुके थे। वहीं पिंड भरकर पहुंचे सैकड़ों श्रद्घालुओं ने सत्यनारायण कथा करवा कर अपना संकल्प पूरा किया।
मेले में बेगमगंज, गैरतगंज, सिलवानी, रायसेन सहित विदिशा, गाडरवारा, सागर जिले से बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे। जगह-जगह भजन कीर्तन सत्यनारायण कथा रामायण पाठ से पूरा तट भक्ति के रंग में रमा रहा। बोरास के उस पार नरसिंहपुर के झिकौली घाट पर भी भारी भीड़ रही।
गाडरवारा गैरतगंज रोड पर रास्ते में कई बार जाम लगा। फिर भी स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं भीड़ कम नहीं हुई। सरकार के नर्मदा तट पर स्वच्छता अभियान का असर भी दिखाई दिया।
महिला श्रद्धालुओंं ने किया स्नान
बरेली. यहां एक मास तक चलने वाले कार्तिक माह का समापन मंगलवार को हो गया। नगर से लगे नर्मदा तट अलीगंज, बगलवाड़ा सहित अन्य तटों पर पहुंचकर श्रद्धालु महिलाओं ने स्नान करने के बाद पूजन-अर्चना कर दीपदान किया। जम्बू बाले लाल बाबा ने बताया कि कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत करने से घर में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान और गंगा स्नान का महत्व है।
इसी पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था, जिसे विश्वभर में गुरु नानक जयंती के नाम से मनाया जाता है। इस जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व भी कहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान की पूर्णिमा भी कहते हैं। बताया जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। इसी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी के साथ कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार उत्पन्न हुआ था।
मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद किनारे दीपदान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को दीप जलाने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है। घर में धन, यश और कीर्ति आती है। इसीलिए इस दिन लोग विष्णु जी का ध्यान करते हुए मंदिर, पीपल, चौराहे या फिर नदी किनारे बड़ा दिया जलाते हैं। दीप विशेष रूप से मंदिरों से जलाए जाते हैं। इस दिन मंदिर दीयों की रोशनी से जगमगा उठता है। दीपदान मिट्टी के दीयों में घी या तिल का तेल डालकर करें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो