भक्ति भाव में डूबे श्रद्धालुओं ने किया रथ यात्रा का स्वागत
रथ को रस्सी से खींचते और झूमते हुए नजर आए श्रद्धालु।
भगवान जगन्नाथ का भात लेने के लिए श्रद्धालुओं ने हाथ पसारे।
रायसेन
Published: July 01, 2022 10:00:13 pm
बेगमगंज. नगर में परंपरागत रुप से आषाढ़ सुदी दूज को निकाली जाने वाली जगदीश स्वामी की रथ यात्रा शुक्रवार को जगदीश मंदिर माला फाटक से प्रारंभ की गई। जगदीश स्वामी अपने मंदिर से भाई बलराम एवं बहन सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। संत और भक्त जनों सहित श्रद्धालुओं ने झूम.झूमकर भगवान की जय-जयकार करते रहे। इस दौरान नगर पालिका का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी जमकर झूमे और रथ को रस्सी से खींचते हुए दिखाई दिए। महिला-पुरुष भजन मंडलियां ढोल, मजीरा, झांझर आदि के साथ भजनों की प्रस्तुति दे रहे थी। वहीं महिलाएं रथ के पीछे.पीछे गीत गाती चल रहीं थीं। रथ यात्रा धार्मिक सेवा संघ के तत्वाधान में हर्षोल्लास के साथ निकाली गई।
बरसात की रिमझिम फुहारों के बीच अखाड़ों के युवा डीजे की धुन एवं ढोलकों की थाप पर लेझमें बजाते व नाचते.गाते चल रहे थे। बुंदेलखंड की मशहूर रमतूला पार्टी ने जगह.जगह अपनी कला के रंग बिखेरे तो लोग कौतूहल वश देखते नजर आए। रथ यात्रा जगदीश मंदिर से प्रारंभ होकर माला फाटक, बजरिया, किला, कबीट चौराहा, गांधी बाजार पुराना स्टैंड, सागर रोड से नया बस स्टैंड होते हुए दशहरा मैदान पहुंची।
भगवान जगदीश स्वामी करीब 15 फीट ऊंचे सुंदर रथ पर भगवान विराजमान थे। जिनके दर्शन करने और रथ को खीचने के लिए लोगों में होड़ लगी रही। भगवान की झलक पाने के लिए लोग घंटों सड़क के किनारे, भवनों पर खड़े रहे। कई स्थानों पर पुष्प वर्षा की गई वही श्रद्धालुओं ने रथ यात्रा में शामिल लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था की, जहां उमस से परेशान लोग अपनी प्यास बुझाते नजर आए। पंचायत चुनाव होने के बावजूद लोग अपने-अपने पंचायतों में मतदान करने के बाद रथ यात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धा के साथ आते नजर आए।
भात के लिए श्रद्धालुओं ने पसारे हाथ
जगन्नाथ का भात जगत पसारे हाथ भात पाने के लिए लोग हाथ पसारते दिखे।
रथ यात्रा में बड़े पैमाने पर प्रसाद के रुप में भात का वितरण किया गया। जिसे प्राप्त करने के लिए महिला-पुरुष बच्चे श्रद्धा से हाथ पसारते नजर आए। रथ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को चुनाव कराने के साथ.साथ रथयात्रा की व्यवस्थाएं देखना भी किसी चुनौती से कम नहीं रहा। रथ यात्रा रात्रि विश्राम के बाद वापसी होगी और जगदीश स्वामी अपने मंदिर में भाई बलराम एवं बहन सुभद्रा के साथ पुन: प्रवेश करेंगे।

भक्ति भाव में डूबे श्रद्धालुओं ने किया रथ यात्रा का स्वागत
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