इसलिए यह पर्व 15 जनवरी को मनाया गया। पंडित शुक्ला के अनुसार मकर संक्रांति के साथ ही सूर्य भगवान उत्तरायण हो गए हैं। गुरुवार से सूर्य के उत्तरायण होते ही दिन बड़ेे व रातें छोटी होना शुरू हो जाएंगी, खरमास भी समाप्त हो जाएगा। शादी, विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ काम जो एक माह से बंद है फि र से शुरू हो जाएंगे।
जिले के कैलकच्छ देवरी, केतोघान, पतई, मांगरोल, अलीगंज, बगलवाड़ा बरेली, नर्मदा नदी घाटों बौरास, उदयपुरा नर्मदा नदी तटों पर आस्था के मेलेे लगे। इसके अलावा शिव मंदिर भोजपुर, हाथी बावड़ी बनछोड़, जाखा नदी के पुल के समीप, पग्नेश्वर बेतवा नदी घाटों पर मकर संक्रांति मेले लगे, जिसमें पवित्र नदी सरोवरों में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था श्रद्धा की डुबकी लगाई।
जिले के कैलकच्छ देवरी, केतोघान, पतई, मांगरोल, अलीगंज, बगलवाड़ा बरेली, नर्मदा नदी घाटों बौरास, उदयपुरा नर्मदा नदी तटों पर आस्था के मेलेे लगे। इसके अलावा शिव मंदिर भोजपुर, हाथी बावड़ी बनछोड़, जाखा नदी के पुल के समीप, पग्नेश्वर बेतवा नदी घाटों पर मकर संक्रांति मेले लगे, जिसमें पवित्र नदी सरोवरों में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था श्रद्धा की डुबकी लगाई।
हजारों श्रद्घालुओं ने नर्मदा में किया पवित्र स्नान
उदयपुरा. तहसील उदयपुरा के दक्षिणी भाग की सीमा नर्मदा बनाती है और उदयपुरा तहसील क्षेत्र में मां नर्मदा टिमरावन से शुरू होकर खुनिया वरहा तक जाती है। दक्षिण में नरसिंहपुर जिला की गाडरवारा तहसील है। समूची तहसील क्षेत्र के नर्मदा तटों पर मकर संक्रांति के अवसर बड़ी संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचे। ग्राम हीरापुर से लेकर शोकलपुर, पतई, अनघोरा, उडिय़ा सहित अनेक घाटों पर काफी भीड़ रही। सबसे अधिक संख्या में लोग नर्मदा तट बौरास पहुंचे और यहां हजारों की संख्या में श्रद्घालुओं ने पुण्य सलिला नर्मदा में डुबकी लगाई। सुबह से ही गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी और विदिशा जिले से आने वाले मां नर्मदा के भक्तों का तांता लगा रहा।
उदयपुरा. तहसील उदयपुरा के दक्षिणी भाग की सीमा नर्मदा बनाती है और उदयपुरा तहसील क्षेत्र में मां नर्मदा टिमरावन से शुरू होकर खुनिया वरहा तक जाती है। दक्षिण में नरसिंहपुर जिला की गाडरवारा तहसील है। समूची तहसील क्षेत्र के नर्मदा तटों पर मकर संक्रांति के अवसर बड़ी संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचे। ग्राम हीरापुर से लेकर शोकलपुर, पतई, अनघोरा, उडिय़ा सहित अनेक घाटों पर काफी भीड़ रही। सबसे अधिक संख्या में लोग नर्मदा तट बौरास पहुंचे और यहां हजारों की संख्या में श्रद्घालुओं ने पुण्य सलिला नर्मदा में डुबकी लगाई। सुबह से ही गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी और विदिशा जिले से आने वाले मां नर्मदा के भक्तों का तांता लगा रहा।
बौरास में श्रद्धालू सत्यनारायण की कथा करवाते देखे गए, जगह-जगह लोग दाल बाटी बनाकर मौसम और पर्व का आनंद ले रहे थे। इसके साथ ही सिद्घ स्थान धर्मपुरा घाट पर भी भक्तों का मेला लगा रहा। सिंगनाथ धाम उडिय़ा नरेहरा में भी श्रद्धालु मां नर्मदा में डुबकी लगाने पहुंचे और पूजा-अर्चना की। देवरी थाला दिघावन क्षेत्र के लोग शोकलपुर घाट की सिद्घ समाधियों पर पहुंचे और सोकलपुर घाट के शक्कर नदी और नर्मदा के संगम पर मकर संक्रांति की डुबकी लगाई। इसी प्रकार पतई घाट एवं मौनी आश्रम घाट पर भी भक्तों की भीड़ देखी गई। इस अवसर पर पर प्रशासनिक व्यवस्था भी दुरूस्त रही और एसडीएम बरेली बृजेन्द्र रावत, तहसीलदार ब्रजेश सिंह, नायब तहसीलदार ललित त्रिपाठी के साथ थाना उदयपुरा से टीआई इन्द्राज सिंह, आरक्षक अभिषेक राय, सैनिक कमल सिंह, ओमकार सिंह सहित पूरे मेले पर नजर बनाए रहे।
पैदल यात्रा कर बौरास पहुंचे श्रद्धालु, कराया भंडारा
सिलवानी. मकर संक्रांति के अवसर पर नगर के युवाओं का एक जत्था पैदल ही नर्मदा घाट बौरास के लिए रवाना हुआ जो कि देर रात को बौरास पहुंचा। रास्ते में पडऩे वाले गावों में पद यात्रियों का स्वागत किया गया। सुबह के समय मां विजयासन मंदिर में पूजा-अर्चना कर समाजसेवी व पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मुकेश राय के नेतृत्व में युवाओं का एक जत्था नर्मदा घाट बौरास के लिए रवाना हुआ। 40 किलो मीटर की यात्रा कर सभी पद यात्री देर रात नर्मदा घाट बौरास पहुंचे। इसके बाद बुधवार को बोरास घाट पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
सिलवानी. मकर संक्रांति के अवसर पर नगर के युवाओं का एक जत्था पैदल ही नर्मदा घाट बौरास के लिए रवाना हुआ जो कि देर रात को बौरास पहुंचा। रास्ते में पडऩे वाले गावों में पद यात्रियों का स्वागत किया गया। सुबह के समय मां विजयासन मंदिर में पूजा-अर्चना कर समाजसेवी व पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मुकेश राय के नेतृत्व में युवाओं का एक जत्था नर्मदा घाट बौरास के लिए रवाना हुआ। 40 किलो मीटर की यात्रा कर सभी पद यात्री देर रात नर्मदा घाट बौरास पहुंचे। इसके बाद बुधवार को बोरास घाट पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।