scriptमां बीजासेन के दर्शन के लिए पदयात्रा पर निकले श्रद्धालु | Devotees went on a padyatra to see mother Bijasen | Patrika News

मां बीजासेन के दर्शन के लिए पदयात्रा पर निकले श्रद्धालु

locationरायसेनPublished: Sep 21, 2020 11:35:04 pm

साईंखेड़ा गांव के 25 युवक सोमवार सुबह सीहोर जिले में स्थित धार्मिक स्थल सलकनपुर के लिए पैदल रवाना हुए।

मां बीजासेन के दर्शन के लिए पदयात्रा पर निकले श्रद्धालु

मां बीजासेन के दर्शन के लिए पदयात्रा पर निकले श्रद्धालु

साईंखेड़ा. गांव के युवाओं की धर्म के प्रति आस्था के चलते वे कई किलोमीटर की यात्रा पैदल ही पूर्ण करते हुए धर्म स्थल पर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर देश-दुनिया की सुख समृद्वि की कामना कर रहे हैं। साईंखेड़ा गांव के करीब 25 युवक सोमवार की सुबह सीहोर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्व धार्मिक स्थल सलकनपुर के लिए पैदल रवाना हुए। सुबह पांच बजे सभी युवाओं ने खेरे वालीमाता मंदिर में पूजा-अर्चना की और धर्म यात्रा के लिए रवाना हुए। साईंखेड़ा गांव से सलकनपुर की दूरी 125 किलोमीटर है। सलकनपुर में मां जगदंबे का एतिहासिक मंदिर है। नवरात्रि के दौरान नौ दिन तक यहां पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना माता से करते हैं।
देश-दुनिया की सुख, समृद्धि की कामना
सोमवार की सुबह गांव के युवा महेंद्र साहू, विपिन तिवारी, रोहित रघुवंशी, शिवकुमार राय, मोहन कुशवाहा, सुरेश पाल, पिंकी साहू, दीपक शुक्ला सहित लगभग 25 युवा पदयात्रा के लिए निकले। वे 125 किलोमीटर की यात्रा छह दिनों में पूरी कर सलकनपुर पहुंचेंगे। यहां सभी यात्री जगत जननी मां जगदंबे की पूजा अर्चना कर सुख समृद्वि की कामना करेंगें।
तीन वर्षों से निरंतर चल रही यात्रा
पदयात्रा पर निकले विपिन तिवारी ने बताया कि गांव के हम सभी युवा बीते तीन वर्षों से पैदल ही सलकनपुर की यात्रा करते हैं। सभी पैदल यात्री यात्रा के दौरान रास्ते में पडऩे वाले गावों के मंदिरो में रात्रि विश्राम कर सुबह पुन: यात्रा के लिए जाते हैं।
नवरात्रि में सजेगा मां का दरबार
थालादिघावन. कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने अक्टूबर में नवरात्रि पर्व में सार्वजनिक स्थानों पर पंडाल लगाने की अनुमति दे दी है। मगर दुर्गा उत्सव समिति और मूर्तिकारों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। वहीं नवदुर्गा उत्सव समिति ने ग्रामीण क्षेत्रों में भव्य प्रतिमा नहीं रखने का निर्णय लिया। मगर मां का प्यारा दरबार सजेगा और मूर्तियां छोटी रहेगी। समिति के सदस्यों ने बताया कि इस बार कोरोना की वजह से मूर्ति छोटी होगी, मगर पंडाल आकर्षक बनाया जाएगा। क्योंकि बड़ी संख्या में लोग माता के दर्शन करने के लिए ग्राम थालादिघावन आते हैं। इस साल शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से प्रारंभ होगा। शासन की गाइडलाइन आने के बाद समिति की सदस्यों का कहना है कि गाइडलाइन 15 दिन और पहले जारी कर देते तो समिति के लिए और आसान हो जाता।
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