दरअसल सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग रायसेन के उपसंचालक ने पत्र जारी कर कहा था कि मेडिकल बोर्ड के माध्यम से दिव्यांग प्रमाण-पत्र जारी करने शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रमाण-पत्रों का नवीनीकरण एवं 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता वालों को भी प्रमाण-पत्र एवं यूडीआइडी कार्ड बनाए जाने के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें नोड्ल अधिकारी सीईओ संजय अग्रवाल व नगर नगरीय क्षेत्र के लिए मंडीदीप व औबेदुल्लागंज सीएमओ रहेंगे। शिविर तक दिव्यांगों को लाने की जिम्मेदारी पंचायत सचिव, रोजगार सहायक व वार्ड प्रभारी की रहेगी। गुरुवार शिविर में कुल २६३ दिव्यांग पहुंचे, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र से 158, औबेदुल्लागंज से 35 व मंडीदीप से 70 दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनवाने पहुंचे।
कड़ी धूप में पहुंचे दिव्यांग
दिव्यांगों को शिविर तक लाने की कोई व्यवस्था नहीं की। दिव्यांग कड़ी धूप में शिविर में पहुंचे। यहां कुछ ही दिव्यांगों को बिस्कुट व चाय दी गई। जनपद के स्टॉफ ने बताया कि डेढ़ सौ बिस्कुट पैकेट व चाय ही दोपहर तीन बजे तक बुलवाई गई। जबकि शिविर में खर्च की राशि बढ़ाकर बिलों में बताई जाती है।
शिविर मेडिकल टीम के भरोसे
ग्रामीण क्षेत्र के लिए सीओ व नगरीय क्षेत्र के सीएमओ को शिविर का नोड्ल अधिकारी नियुक्त किया गया था। दोनों सीएमओ दिव्यांग शिविर में ही नहीं पहुंचे, वहीं सीओ संजय अग्रवाल दो बजे के बाद रायसेन मीटिंग का कहकर चले गए। दोपहर बाद मेडिकल बोर्ड की टीम के भरोसे ही शिविर चला। ब्लॉक का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी शिविर में नहीं था।
राशि नहीं दी जाती है
-शिविर के लिए कोई बजट नहीं था कि दिव्यांगों को गांव से लाया जाए, उन्हें अपने साधन से ही आना था। दोपहर बाद मैं मिटिंग में रायसेन गया था। शिविर में जो खर्चा हुआ है उसके बिल विभाग को भेजे जाते हैं वहीं स्वीकृत करते हैं, अलग से राशि नहीं दी जाती है।
-संजय अग्रवाल, सीइओ, जनपद पंचायत