रायसेन

जिला अस्पताल के पास ही जमा गंदा पानी

पनप सकते हैं डेंगू के मच्छर

रायसेनSep 17, 2018 / 06:30 pm

Amit Mishra

जिला अस्पताल के पास ही जमा गंदा पानी

रायसेन. जिला अस्पताल में ही डेंगू,चिकनगुनिया और मलेरिया सहित जापानी बुखार जैसी संक्रामक बीमारियों की रोकथाम, जांच सुविधा की रोकथाम की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अस्पताल परिसर सहित डॉक्टरों व कर्मचारियों के आसपास बारिश के कारण कीचड़ और गंदा पानी जमा हुआ है। गड्ढों में भरे इन गंदे पानी में मलेरिया,डेंगू और जापानी बुखार जैसी नई बीमारी मच्छर के पनापने से हो सकती हैं,लेकिन फिर भी लापरवाही की जा रही है।


अस्पताल में गंदे पानी जमा होने की शिकायत स्वास्थ्य अधिकारियों, कर्मचारियों और पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों सहित नगरपालिका के जिम्मेदारों को की गई। लेकिन नतीजा बेेअसर साबित रहा है। इसके अलावा महिला पुरूष वार्ड समेत एसएनसीयू व प्रसूति केंद्र भवन के आसपास नाली, गड्ढों में गंदा पानी कीचड़ से लबरेज हैं। इनमेें हजारों की तादात में मच्छरों का जमकर लार्वा पनप रहा है।

 

 

गंभीर बीमारियों से लडऩे जांच सुविधा नहीं
मालूम हो कि जिले में 8 डेंगू,4 चिकनगुनिया सहित 144 मलेरिया सहित 3 जापानी बुखार के मरीज अब तक सामने आ चुके हैं । इस जापानी बुखार से जिले की तहसील गैरतगंज के सुल्तान जहापुर खेड़ा में एक 7 वर्षीय बच्ची की मौत हो चुकी है।
दो बच्चे अभी भी जापानी बुखार से जूझ रहे हैं। इनके इलाज में परिजनों का काफी रूपये खर्च हो चुके हैं। लेकिन इन संक्रामक गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए जिला अस्पताल मेें दवाईयों की कमी से लेकर जांच सुविधा,पीडि़त मरीजों को भर्ती कर इलाज करने अलग वार्ड जैसी कोई सुविधा नहीं हैं।

 

सर्वे तक नहीं हुआ
डेंगू ,चिकनगुनिया सहित जापानी बुखार से पीडि़त मरीजों की जांचें एम्स हास्पिटल भोपाल,हमीदिया गांधी मेडिकल कॉलेज आदि जगहों पर है। जिला मलेरिया महकमे द्वारा शहरी व कस्बाई क्षेत्रों में लार्वा का सर्वे तो जैसे-तैसे स्वास्थ्य अमले से करवा लिया गया। लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि गांवों में मलेरिया का सर्वे कराना तक जिम्मेदारों ने मुनासिब नहीं समझा।

गांव-गांव गंदे पानी से भरे गड्ढों में न तो गंबूशिया मछलियां डाली गई और न लार्वा सर्वे कराया गया। ऐसी स्थिति में अब गांवों से यह गंभीर जानलेवा संक्रामक बीमारियों ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। रायसेन शहर में भी कॉलोनियों, मोहल्ले में खाली पड़े प्लॉटों में भरा बारिश के गंदे पानी कचरा गंदगी में मच्छरों का लार्वा पनप रहा है।
स्वच्छता के प्रति ग्रामीण जागरूक नहीं
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.प्रियंवदा गुप्ता ने बताया कि गांवों में हमेशा साफ-सफाई के प्रति जागरूकता का अभाव बना रहता है।जाते मानसून के दौरान बीमारियों का खतरा ज्यादा बना रहता है।गांवों में निरक्षता की कमी ग्रामीणजन स्वच्छता के प्रति लापरवाह बने रहते हैं। जगह जगह कीचड़ गंदगी की भरमार गांवों में बनीं हुई है।ऐसे में डेंगू मलेरिया का खतरा हरदम बना रहता है। इस कारण ग्र्रामीण जांचें भी नहीं कराते हैं।

अस्पताल में सिर्फ मलेरिया सहित 45 जांचें
जिला अस्पताल की पैथालॉजी लैब में सिर्फ 45 तरह की ही नि:शुल्क जांचें होती हैं। इनमें मलेरिया खून पेशाब की जांच आदि की हैं। बाकी गंभीर बीमारी डेंगू, जापानी बुखार,स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया आदि की जांचें भोपाल में होती हैं। अस्पताल के आसपास के परिसर में जमा गंदे पानी पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव जल्द कराया जाएगा।
डॉ.जशपाल सिंह बाल्यान आरएमओ रायसेन

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