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district hospital today news : जिला अस्पताल में पहुंच रहे है 900 से ज्यादा मरीज, एक पलंग पर 2-2 मरीज भर्ती

locationरायसेनPublished: Jul 27, 2019 04:16:59 pm

Submitted by:

Amit Mishra

तेजी से बढ़ रही है वायरल फीवर, डायरिया, सर्दी-जुकाम, उल्टीदस्त, पीलिया, पथरी और खुजली के मरीजों की संख्या

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जिला अस्पताल में पहुंच रहे है 900 से ज्यादा मरीज, एक पलंग पर 2-2 मरीज भर्ती

रायसेन. पल-पल बदलता मौसम weather हमें अपने अलग-अलग एहसास कराता रहता है। खासतौर पर बरसाती सीजन में ये जहां ये हर जगह हरियाली की चादर बिछाकर मौसम खुशनुमा बना देता है, वहीं अगले पल बेचैन कर देने वाली गर्मी का एहसास भी करा देता है। यही कारण है कि इन दिनों बदलते मौसम की बीमारियों और दूषित पानी का भी प्रकोप झेलना पड़ता है। जी हां, मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण वायरल फीवर, डायरिया, सर्दी-जुकाम, उल्टीदस्त, पीलिया, पथरी और खुजली के मरीजों patients की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसलिए जिला अस्पताल District Hospital की ओपीडी मेें रोजाना मरीजों की तादात 850 से लेकर 900 के पार पहुंच रही है।

 

890 मरीज इलाज कराने ओपीडी पहुंचे
कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले अधिकांश मरीज वायरल के वायरस की चपेट में आ रहे हैं। एक से 26 जुलाई तक 22 हजार 890 मरीज इलाज कराने ओपीडी पहुंचे। इनमें जिले के सरकारी अस्पतालों से रैफर होकर आने वाले मरीज भी शामिल हैं।

महिला, पुरूष, बच्चा वार्ड हाउसफुल
मरीजों की संख्या बढ़ जाने से सभी महिला पुरूष, बच्चा वार्ड हाउसफुल हैं। आलम यह है कि 250 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में पलंग कम पडऩे की वजह से एक पलंग पर दो से तीन मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार मौसम की मार के कारण मौसमी बीमारियों से लोग ज्यादा पीडि़त हो रहे। हालांकि अब ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक हो गया है।


ज्यादातर डॉक्टर गायब रहे
पत्रिका टीम ने शुक्रवार को दोपहर तीन बजे ओपीडी में पहुंचकर देखा तो वहां अकेले डॉ. एसके झारिया मरीजों का इलाज करते मिले। बाकी डॉक्टर कुर्सी से गायब मिले। इसमें दोपहर आधे घंटे का लंच भी शामिल है। जिला अस्पताल के डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों की मनमानी का ढर्रा नहीं सुधर रहा। ऐसे में मरीज हर दिन परेशान होते हैं। कुछ विशेषज्ञ डॉक्टर ओपीडी में बैठने के बजाए अधिकारी बनकर बैठे हुए हैं। जबकि उन्हें ओपीडी मेें बैठकर मरीजों का इलाज करना चाहिए।

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फैल रही बीमारियां
बारिश के बाद कभी तेज धूप, उमस, गर्मी से संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। जिला मुख्यालय के प्रायवेट क्लीनिकों पर भी मरीजों की कतारें इलाज कराने बैठी नजर आने लगी हैं। जिला अस्पताल ही नहीं, बल्कि अन्य नगरों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी मरीज बड़ी संख्या में इलाज कराने पहुंच रहे।


टेबलेट की खपत दुगुनी से ज्यादा
आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी दवाओं का अधिक उठाव आने लगा है। मेडिकल स्टोर में पेरासीटामेल टेबलेट की खपत दुगुनी से ज्यादा हो गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार इन दिनों वायरल फीवर, तेज बुखार के साथ सर्दी-खांसी, गले के संक्रमण की समस्याएं बढ़ी हैं। दूषित खाद्य सामग्री और गंदे पानी की वजह से भी अधिकांश बच्चे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 50 से ज्यादा बच्चे उल्टी-दस्त से पीडि़त आ रहे।

दूषित पानी से बढ़ रहे मरीज
दूषित खाद्य सामग्री व दूषित पानी पीने की वजह से भी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बारिश के दिनों में अक्सर गंदे पानी की वजह से पेट में संक्रमण या डायरिया की समस्या खड़ी हो जाती है। दूषित पानी पीने से लेाग पीलिया, डायरिया से पीडि़त होकर इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे। दूषित पानी पीने के शिकार मरीजों को अस्पताल में दाखिल होना पड़ रहा है।

 

बंगले पर ज्यादा ध्यान देते हैं
मरीज राजकुमार ,गौरव सिंह, प्रेमलता धाकड़, दर्शन सिंह, सुरेंद्र राजपूत, मो.सलीम खान, रेहाना खान, प्रद्युम्न कुमार, अंजली सिंह, साक्षी, प्रभांशु आदि ने बताया कि वह पिछले तीन चार दिनों से अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं। लेकिन दवाईयां खाने के बावजूद हालत मेें सुधार नहीं हो रहा। यदि मरीज डॉक्टरों को उनके बंगले पर दिखा देते हैं, तो डॉक्टर मरीजों की तीमारदारी पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

नर्सों का व्यवहार ठीक नहीं

जिला अस्पताल के सभी वार्डों में प्रशिक्षु नर्सों वार्डबॉय ही इंजेक्शन लगाने से लेकर ड्रिप चढ़ाने उतारने का काम कर रहे हैं। इन अनट्रेंड कर्मचारियों के कारण मरीजों की सेहत में बजाय सुधार आने के बिगड़ भी सकता है। अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों को इस तरफ गंभीरता पूर्वक ध्यान देने की जरूरत है। परेशान मरीजों की शिकायत है कि यहां की नर्सें दाई उनके साथ व्यवहार ठीक नहीं करते हैं। उसमें बदलाव होने की जरूरत है।


खुल खाना न खाएं
वैसे डॉक्टर, मरीजों व उनके परिजनों से बाजार में खुले में रखकर बेची जा रही खाद्य सामग्री नहीं खरीदने की की सलाह दे रहे हैं। सड़क किनारे दुकानों और हाथ ठेलों में रखीं खाद्य सामग्री और सड़े-गले फल-सब्जियों पर हरदम म’छर मक्खियां दिनभर भिनभिनाते रहते हैं। कीचड़ या किसी गंदे स्थान पर बैठने के बाद यह मक्खियां खाद्य सामग्री पर बैठकर बीमारी को खतरा और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं। इसलिए खुली खाद्य सामग्री युवाओं व बच्चों को नहीं खाने दें।

मरीज व उनके परिजन ये रखें सावधानी


खुली खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करें।
फल-सब्जियों का सेवन पानी में धोकर करें।
खाद्य सामग्री हमेशा ढंक कर रखें।
मरीजों को एक दो दिन में पहनने के कपड़े भी बदलते रहना चाहिए।
बीमारों को उबालकर और छानकर पानी पीना चाहिए।
घरों के आसपास नियमित साफ-सफाई करते रहें।
घरों में कीटनाशकों का छिड़काव भी करना चाहिए।
हमेशा ताजा भोजन का सेवन करें।


मौसम की मार के कारण ओपीडी में प्रतिदिन मरीजों की संख्या 800 से 900 तक पहुंच रही है। डायरिया, वायरल फीवर सेलेकर पथरी, खुजली पीलिया मलेरिया, आंखों में इन्फैक्शन गले में संक्रमण तेज बुखार आदि बीमारियों से पीडि़त रोगी इलाज कराने आ रहे हैं। डॉक्टर मरीजों को उनकी सेहत के प्रति पूरा एहतियात बरने की सालह भी दे रहे हैं। मरीजों को औषधि विन्डो से मरीजोंं को मुफ्त जांचें दवाईयां दी जा रही हैं।
डॉ. यशपाल सिंह बाल्यान, आरएमओ जिला अस्पताल रायसेन।

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